नई दिल्ली(ए)। कालेजियम द्वारा दो सिख वकीलों को हाईकोर्ट का जज बनाने की सिफारिश पर केंद्र सरकार की मंजूरी न मिलने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को तीखी टिप्पणी की। कोर्ट ने सरकार से सवाल किया है कि ट्रांसफर और नियुक्ति के मामलों में कुछ नामों को चुनती है और कुछ को छोड़ क्यों देती है।
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में वकीलों हरमीतसिंह ग्रेवाल और दीपेंदर सिंह नलवा को जज बनाए जाने की सिफारिश की गई थी। इसी का जिक्र करते हुए जस्टिस संजय किशन कौल और सुधांशु धूलिया की बेंच ने सवाल उठाया। बेंच ने कहा कि जिन दो उम्मीदवारों के नाम मंजूर नहीं किए गए, वे दोनों सिख हैं। ऐसा क्यों हो रहा है?’ अदालत ने अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमानी को संबोधित करते हुए कहा, ‘अटॉर्नी, इससे अच्छा इंप्रेशन नहीं जाता। आप इस तरह से ट्रांसफर और पोस्टिंग को पिक एंड चूज नहीं कर सकते। आप इससे क्या संदेश देना चाहते हैं।’