Home देश-दुनिया मनीष सिसोदिया की जमानत पर ‘सुप्रीम’ फैसला आज; चुनावी बॉन्ड की वैधता पर भी होगी सुनवाई

मनीष सिसोदिया की जमानत पर ‘सुप्रीम’ फैसला आज; चुनावी बॉन्ड की वैधता पर भी होगी सुनवाई

by admin

नईदिल्ली (ए)। सुप्रीम कोर्ट कथित दिल्ली शराब नीति घोटाले के सिलसिले में केंद्रशासित प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर आज यानी 30 अक्तूबर को फैसला सुनाएगा। इससे पहले, 17 अक्तूबर को जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन भाटी की पीठ ने सीबीआई और ईडी की ओर से पेश उनके वकील अभिषेक सिंघवी और अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू को सुनने के बाद सिसोदिया की दो अलग-अलग जमानत याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रखा था। बता दें कि सिसोदिया को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) दोनों द्वारा जांच की जा रही उत्पाद नीति मामलों में गिरफ्तार किया गया था। दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में सिसोदिया ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। इसके पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी। अब उन्होंने फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। जांच एजेंसियों (ईडी और सीबीआई) की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने अदालत को बताया था कि मुकदमा 9 से 12 महीने के भीतर समाप्त हो सकता है। मामले में 294 गवाह और हजारों दस्तावेज पेश किए गए हैं।

26 फरवरी को गिरफ्तारी, कैबिनेट से इस्तीफा
बता दें कि सिसोदिया को 26 फरवरी को ‘घोटाले’ में उनकी कथित भूमिका के लिए सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। तब से वह हिरासत में हैं। ईडी ने तिहाड़ जेल में उनसे पूछताछ के बाद 9 मार्च को सीबीआई की एफआईआर से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उन्हें गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने 28 फरवरी को दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था। गौरतलब है कि इस मामले में विपक्षी दल भाजपा और दिल्ली में सत्तारुढ़ आम आदमी पार्टी के बीच जमकर सियासी बयानबाजी भी होती है।

चुनावी बॉन्ड की वैधता पर भी सुनवाई करेगी पांच सदस्यीय पीठ
राजनीतिक दलों को इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए चंदा मिलने के मामले को अब सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की पीठ सुनवाई करेगी। कोर्ट ने पांच जजों की पीठ द्वारा इस मामले पर सुनवाई के लिए 30 अक्तूबर की तारीख भी मुकर्रर की थी। इस मामले पर चार जनहित याचिकाएं लंबित हैं। इनमें से एक याचिकाकर्ता ने मार्च में कहा था कि चुनावी बॉन्ड के माध्यम से राजनीतिक दलों को अब तक 12,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है और इसकी दो-तिहाई राशि एक प्रमुख राजनीतिक दल को गई है। दावा किया जाता है कि राजनीतिक वित्तपोषण में पारदर्शिता लाने के प्रयासों के तहत चुनावी बॉन्ड को दलों को दिए जाने वाले नकद चंदे के विकल्प के रूप में पेश किया गया है।

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की संविधान पीठ चार याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। इसममें कांग्रेस नेता जया ठाकुर और सीपीआई(एम) की भी याचिका शामिल है। शीर्ष अदालत ने 16 अक्तूबर को कहा था कि उठाए गए मुद्दे के महत्व को देखते हुए और भारत के संविधान के अनुच्छेद 145(4) (एससी की प्रक्रिया को विनियमित करने के नियमों से संबंधित) के संबंध में मामले को कम से कम पांच जजों की पीठ के समक्ष रखा जाना चाहिए।

शरद और उद्धव ठाकरे गुट की याचिकाओं पर होगी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के शरद पवार गुट और उद्धव ठाकरे गुट की याचिकाओं पर आज यानी 30 अक्तूबर को सुनवाई करेगा। दोनों गुटों द्वारा दाखिल इन याचिकाओं में कुछ विधायकों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को निर्देश देने की मांग की गई है।

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