नईदिल्ली (ए)। सुप्रीम कोर्ट ने जेलों/हिरासत केंद्रों या किशोर गृहों में कथित तौर पर अवैध और मनमाने तरीके से हिरासत में लिए गए रोहिंग्या शरणार्थियों की रिहाई की मांग वाली याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा है। शीर्ष अदालत ने केंद्र को नोटिस भी जारी किया है। साथ ही चार हफ्ते के भीतर याचिका पर हलफनामा दाखिल करने को कहा है। इस हलफनामे में केंद्र सरकार को कोर्ट द्वारा मांगी गई सारी जानकारी देनी होगी।
वहीं , सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि वह चुनावी बांड योजना के खिलाफ याचिकाओं पर 31 अक्टूबर को सुनवाई करेगा। भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने मंगलवार को प्रारंभिक दलीलें सुनीं। पीठ ने अपने आदेश में कहा कि प्रारंभिक दलीलें याचिकाकर्ता के साथ-साथ भारत के अटॉर्नी जनरल (एजीआई) की ओर से भी दी गई हैं। इसने आगे निर्देश दिया कि यदि कोई और आवेदन किया जाना है, तो उसे शनिवार तक दाखिल किया जाना चाहिए।