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नईदिल्ली (ए)। S Jaishankar Speech Highlights in United Nations General Assembly In New York: भारत और कनाडा के बीच राजनयिक उथल-पुथल के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने बेहद सख्त तेवर दिखाए। जयशंकर ने कहा कि राजनीतिक सुविधा के अनुसार आतंकवाद, उग्रवाद और हिंसा पर रिस्पांस तय नहीं करना चाहिए। अब वे दिन खत्म हो गए, जब कुछ देश एजेंडा तय करते थे। वे उम्मीद करते थे कि दूसरे भी उनके साथ आ जाएंगे।
विदेश मंत्री ने कहा कि बातचीत और कूटनीति से ही तनाव को घटाया जा सकता है। हम अक्सर नियम आधारित ऑर्डर को बढ़ावा देने की पैरवी करते हैं। संयुक्त राष्ट्र चार्टर का सम्मान भी उसमें शामिल होता है।
जानिए विदेश मंत्री ने और क्या-क्या कहा?
- भारत की पहल की वजह से जी-20 में अफ्रीकन यूनियन को स्थाई सदस्यता मिली। अफ्रीकन यूनियन का यह लंबे समय से हक रहा है, हमने पूरे महाद्वीप को एक आवाज दी। इस अहम कदम से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को समसामयिक बनाने के लिए प्रेरित होना चाहिए।
- भारत अपने साझेदारों के साथ सहयोग को बढ़ावा देना चाहता है। गुटनिरपेक्षता के युग से अब हम दुनिया के लिए विश्व मित्र के युग में विकसित हो गए हैं।
- हमने 75 देशों के साथ विकासात्मक पार्टनरशिप बनाई है। आपदा और आपातकालीन स्थिति में भी हम पहले उत्तरदाता बने हैं। तुर्की और सीरिया के लोगों ने यह देखा है।
- महिला आरक्षण विधेयक पर बोलते हुए विदेश मंत्री ने इसे अग्रणी कानून बताया। उन्होंने कहा कि मैं एक ऐसे समाज के लिए बोलता हूं जहां लोकतंत्र की प्राचीन परंपराओं ने गहरी आधुनिक जड़ें जमा ली हैं। हमारी सोच, दृष्टिकोण और कार्य अधिक जमीनी और प्रामाणिक हैं।
- भारत के चंद्रमा मिशन की सफलता पर मंत्री ने कहा कि भारत ‘अमृत काल’ में प्रवेश कर चुका है। जब हमारा चंद्रयान-3 चंद्रमा पर उतरा तो दुनिया ने आने वाले समय की झलक देखी।