Home देश-दुनिया भारत-कनाडा: वैंकूवर में खालिस्तान समर्थकों ने किया प्रदर्शन, भारतीय वाणिज्य दूतावास की बढ़ाई गई सुरक्षा

भारत-कनाडा: वैंकूवर में खालिस्तान समर्थकों ने किया प्रदर्शन, भारतीय वाणिज्य दूतावास की बढ़ाई गई सुरक्षा

by admin

नई दिल्ली (ए)। कनाडा और भारत के बीच तनाव थमने का नाम नहीं ले रहा है। दोनों देश एक दूसरे के शीर्ष राजनयिकों को निष्कासित कर चुके हैं। इस बीच, वैंकूवर में भारतीय वाणिज्य दूतावास के बाहर दर्जनों खालिस्तान समर्थकों ने खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने खालिस्तान के झंडे लहराए, संगीत बजाया और नारेबाजी की। इस दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों ने भारतीय वाणिज्य दूतावास के बाहर भारतीय ध्वज का अपमान किया। टोरंटो में भी इसी तरह के विरोध प्रदर्शन हुए। इस बीच, वैंकूवर पुलिस विभाग ने भारतीय वाणिज्य दूतावास की सुरक्षा बढ़ा दी है और एहतियातन आसपास की सड़कों को बंद कर दिया है।

भारतीय वाणिज्य दूतावास के प्रवेश द्वार पर लगाए बैरीकेड
कनाडाई मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, होवे स्ट्रीट पर भारतीय वाणिज्य दूतावास के प्रवेश द्वार को अवरुद्ध करने के लिए बैरीकेड लगाए गए हैं। खबर के मुताबिक, विश्व सिख संगठन ने पहले ही उकसावे और दखल की आशंका को लेकर चेतावनी जारी कर दी। इसलिए पुलिस पहले से सतर्क थी।

विश्व सिख संगठन ने निज्जर की हत्या को लेकर किया यह आह्वान
संगठन के प्रमुख तेजिंदर सिंह सिद्धू ने एक बयान में निज्जर के हत्यारों का पता लगाने की मांग की। खबर के मुताबिक, सिद्धू ने आगे कहा कि अगर समुदाय के लोग असुरक्षित महसूस करते हैं या हिंसा भड़काने का प्रयास देखते हैं, तो हम उन्हें तुरंत कानून प्रवर्तन एजेंयियों से संपर्क करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।

वैंकूवर पुलिस ने कहा- अगली सूचना तक अपनाएं वैकल्पिक मार्ग
एक्स पर एक पोस्ट में वैंकूवर पुलिस ने कहा, होवे स्ट्रीट डब्ल्यू कॉर्डोवा और डब्ल्यू हेस्टिंग्स स्ट्रीट के बीच वाहन यातायात के लिए बंद है। कृपया अगली सूचना तक एक वैकल्पिक मार्ग की योजना बनाएं।

जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर लगाया हत्या में संलिप्तता का आरोप
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने 18 सितंबर खालिस्तान टाइगर फोर्स के प्रमुख निज्जर की गोली मारकर हत्या में भारत की संलिप्तता का अपमानजनक आरोप लगाया था, जिसके बाद से भारत और कनाडा के बीच तनाव बढ़ गया है।

विदेश मंत्रालय ने खारिज किए बयान
वहीं, भारत के विदेश मंत्रालय (एमईए) ने एक बयान कहा, हमने कनाडा के प्रधानमंत्री का उनकी संसद में दिया गया बयान और विदेश मंत्री का बयान देखा और उसे खारिज किया है। कनाडा में हिंसा के किसी भी कृत्य में भारत सरकार की संलिप्ता के आरोप बेतुके और (राजनीति से) प्रेरित हैं।

उन्होंने कहा, ‘इसी तरह के आरोप कनाडा के प्रधानमंत्री ने हमारे प्रधानमंत्री से लगाए थे और उन्हें पूरी तरह खारिज कर दिया गया था। हम कानून के शासन के प्रति मजबूत प्रतिबद्धता के साथ एक लोकतांत्र हैं।’

श्रीलंका ने किया भारत का समर्थन
भारत में श्रीलंका के निवर्तमान उच्चायुक्त मिलिंडा मोरागोडा ने कहा है कि कनाडा के आरोपों पर भारत की प्रतिक्रिया ‘मजबूत और सीधी’ रही है और कोलंबो इस मामले में नई दिल्ली का समर्थन करता है। एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि श्रीलंका के लोगों को आतंकवाद के कारण नुकसान उठाना पड़ा है और उनके देश की आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति है।

श्रीलंका ने चालीस वर्ष तक झेला आतंकवाद 
भारत के खिलाफ कनाडा के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि भारत की प्रतिक्रिया मजबूत एवं सीधी रही है। और मुझे लगता है कि जहां तक हमारा सवाल है, हम इस पर भारत का समर्थन करते हैं। इसके अलावा, अब मेरे जीवनकाल में मैं 60 वर्ष का हो गया हूं, अपने जीवन के 40 वर्ष हमने श्रीलंका में आतंकवाद के विभिन्न रूपों का सामना करते हुए बिताया है। मैंने आतंकवाद के कारण कई दोस्तों और सहयोगियों को खो दिया है।’

उन्होंने कहा, ‘हम सभी का मतलब है कि कई श्रीलंकाई आतंकवाद के कारण मारे गए हैं। इसलिए, मेरे विचार से इन मामलों पर हमारी स्थिति बहुत स्पष्ट है क्योंकि हमने सहन किया है और हमें नुकसान उठाना पड़ा है। और एक ऐसे देश के रूप में जो आतंकवाद के प्रति सहिष्णुता से गुजरा है, वह जीरो टॉलरेंस है।’

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