चेन्नई (ए)। तमिलनाडु इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के नेताओं ने घोषणा की है कि राज्य में बिजली दरों में संशोधन के खिलाफ लघु उद्योगों सहित लगभग 50 हजार उद्योग 25 सितंबर को एक दिवसीय हड़ताल पर जाएंगे। प्रदर्शन कर रहे संगठन राज्य से पीक ऑवर चार्ज और फिक्स चार्ज वापस लेने की भी मांग कर रहे हैं। हड़ताली संगठनों के पदाधिकारियों ने एक बयान में कहा कि इन 50 हजार यूनिट्स में 1.2 करोड़ पंजीकृत कर्मचारियों और प्रवासी मजदूरों सहित लगभग तीन करोड़ मजदूर सोमवार को हड़ताल करेंगे।
समूह ने बयान में कहा कि राज्य सरकार ने बिजली दर बढ़ाने का निर्णय लेने से पहले उद्योग प्रतिनिधियों से परामर्श नहीं किया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जहां महाराष्ट्र, हरियाणा और गुजरात जैसे राज्य उद्योगों को सब्सिडी दे रहे हैं, वहीं तमिलनाडु सरकार अत्यधिक बिजली दरों के साथ उद्योगों के लिए मुश्किलें पैदा कर रही है।
तिरुप्पुर एक्सपोर्टर्स एंड मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (टीईएएमए) के अध्यक्ष एम.पी. मुथुराथिनम ने बयान में कहा, ”कपड़ा उद्योग कम ऑर्डर मात्रा के साथ-साथ श्रम संबंधी समस्याओं से भी जूझ रहे हैं। सुबह 6 बजे से 10 बजे तक और शाम 6 बजे से रात 10 बजे तक दो चरणों में लगाए जाने वाले पीक आवर चार्ज और फिक्स चार्ज छोटे उद्योगों को परेशान कर रहे हैं।”
कोयंबटूर के एक अन्य उद्योगपति ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि एचपी मोटर्स, जिसके लिए यह शहर प्रसिद्ध है, के दाम पीक चार्ज और फिक्स्ड चार्ज के साथ-साथ बिजली दरों में बढ़ोतरी के कारण लगभग दोगुनी हो गई हैं। उद्योगपति ने कहा, “हम गंभीर रूप से तालाबंदी के संकट का सामना कर रहे हैं और जो राज्य कभी एक आकर्षक गंतव्य था, वह धीरे-धीरे हमारे लिए एक गैर-अनुदान वाला राज्य बन गया है और हम बेहतर संभावनाओं के लिए अन्य राज्यों की तलाश की योजना बना रहे हैं।”
इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (आईसीसीआई), साउथ इंडियन इंजीनियरिंग मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (एसआईईएमए), तमिलनाडु इलेक्ट्रिसिटी कंज्यूमर्स एसोसिएशन (टीईसीए) राज्य के उन 165 उद्योग संगठनों में से हैं, जो बिजली दरों में संशोधन के खिलाफ सोमवार को हड़ताल में भाग लेंगे।