रीपा योजना से ग्रामीणों के जीवन में आया बदलाव
बीते 6 माह में जिले की रीपा में हितग्राहियों ने विक्रय किया 1 करोड़ का उत्पाद
स्व-सहायता समूहों को उद्यम लगाने में मिल रही मदद
रीपा से ग्रामीण क्षेत्रों में व्यवसायिक गतिविधियों का हो रहा विस्तार
रायगढ़। छत्तीसगढ़ शासन किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से खेती-किसानी के साथ ही गांव में उद्यम लगाने के लिए वित्तीय एवं तकनीकी मदद करने के मकसद से रीपा योजना शुरू की है। जिसके तहत कृषक उत्पादक समूहों एवं महिलाओं के स्व-सहायता समूहों को उद्योग लगाने में हर प्रकार की मदद की जाती है। रीपा योजना की सहायता से स्व-सहायता समूहों की महिलाएं विभिन्न आयमूलक गतिविधियां संचालित कर रही है। इससे न केवल इन महिलाओं के परिवार की वित्तीय स्थिति सुधरी है बल्कि गांव की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिली है। रीपा योजना से जुड़कर ग्रामीणों के जीवन में बदलाव आया है।
जिला पंचायत से प्राप्त जानकारी अनुसार रीपा योजना अंतर्गत बीते 6 माह में कुल 14 रीपा में हितग्राहियों द्वारा विभिन्न गतिविधियों पर कार्य किया जा रहा है। जिसमें 1 करोड़ से अधिक का उत्पादन कर बाजार में विक्रय किया गया। जिससे 25 लाख से अधिक की राशि का आय प्राप्त हो चुकी है। रीपा योजना से लाभ पाकर हितग्राहियों ने कहा यह हमारे लिए एक वरदान से कम नहीं है। जिले में इस प्रकार के 14 रीपा (प्रथम चरण में प्रत्येक विकास खंड में 2 रीपा) बनाये जाकर विभिन्न गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा के निर्देशन में जिला प्रशासन द्वारा महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क के तहत रीपा ग्राम के इच्छुक बड़े किसान, छोटे उद्यमी, राजीव गांधी मितान क्लब, बेरोजगारी भत्ता पाने वाने हितग्राही, एसएचजी की महिलायें एवं युवक-युवतियों सभी को आवश्यकता अनुसार वर्किंग शेड, बिजली व्यवस्था, पानी, इन्टरनेट, पार्किग इत्यादि की सुविधाएं प्रदाय की जा रही है, जिससे की वो अपना उद्यम (सेटअप) आसानी से लगा कर ग्रामीण बेरोजगार युवक-युवतियों को काम दे सके तथा उनके एवं उनके परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके। हर रीपा में अलग-अलग मांग अनुसार उद्यमियों द्वारा उद्यम की स्थापना की गई है तथा लगातार अन्य जरूरतमंद उद्यमियों को स्थान दिया जा रहा है। खरसिया के बोतल्दा रीपा को पर्यटन, तो वही तमनार में सीएनसी कार्य को बढ़ावा, लैलूंगा के जैविक जवाफूल चावल की सुगंध, साथ ही विभिन्न उद्यमियों द्वारा मूर्ति निर्माण, मिट्टी के बर्तन, फेब्रिकेशन, सीमेंट गमला, मुर्रा मिल, बेकरी उत्पाद, जूट के बैग, मिल्लेट्स के जैविक उत्पाद, मशरुम उत्पादन, मुर्गी पालन, फ्लाई ऐस ब्रिक्स, फिनाईल, संबलपुरी साड़ी जैसे अनेकों उद्यमों में काम किया जा रहा है। अपना सुरक्षित भण्डारण, प्रसंस्करण, पैकिंग तथा ब्रांडिंग कर उत्पाद को अच्छे तरीके से बाजार में बेच रहे है। रीपा से महिला एवं पुरुष दोनों को लाभ दिए जाने की मंशा से कार्य को किया जा रहा है।
रीपा उद्यमियों को मिल रहा लोन
रीपा उद्यमियों को उद्यम सेटअप हेतु पीएमईजीपी प्रकरण बनाकर समुचित लोन प्रदाय कराया जा रहा है, अभी तक कुल 7 व्यक्तिगत हितग्राहियों को उद्यम हेतु 74 लाख से अधिक रूपये का लोन दिया गया है। जिले में 67 व्यक्तिगत हितग्राही विभिन्न रीपा में कार्य कर रहे है। 40 से अधिक उद्यमियों को रीपा से शून्य प्रतिशत ब्याज पर कार्यशील पूंजी दिया गया है। साथ ही उद्यमियों में कौशल विकास एवं क्षमता वृद्धि हेतु केवीके/आरसेटी अन्य जिलों का भ्रमण कराया जा रहा है, वहीं प्राइवेट कंपनियों से प्रशिक्षण की व्यवस्था लगातार की जा रही है। जिससे की वो पूर्ण दक्षता के साथ अपने कार्य को कर पाए एवं अच्छी आय अर्जित कर पाए।