नई दिल्ली (ए)। भारत की राजधानी दिल्ली में 9-10 सितंबर को 18वां जी20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit 2023) सफलतापूर्वक सम्पन्न हो गया। भारत मंडपम (Bharat Mandapam) में हुआ ये सम्मेलन ऐतिहासिक रहा और दुनियाभर में इसकी चर्चा हो रही है।
जी20 सम्मेलन के पहले दिन यानि 9 सितंबर को दो सत्र वन अर्थ और वन फैमिली और दूसरे दिन यानि 10 सितंबर को एक सत्र वन फ्यूचर का आयोजन हुआ।
विश्व के सबसे ताकतवर देश कहे जाने संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) समेत दिल्ली में जुटे तमाम वैश्विक नेताओं ने सफल अध्यक्षता के लिए भारत की सराहना की। दिल्ली में हुए शिखर सम्मलेन के दौरान अफ्रीकन यूनियन (African Union) को भी जी20 समूह में शामिल किया गया।
G20 से भारत और दुनिया को क्या मिला?
India-Middle East-Europe Economic Corridor: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi), अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन (Joe Biden) और अन्य विश्व नेताओं ने सम्मेलन के पहले दिन नए रेल और शिपिंग कॉरिडोर योजना (India-Middle East-Europe Economic Corridor) की घोषणा की।
ये कॉरिडोर मध्य पूर्व (Middle East) के जरिए भारत (India) और यूरोप (Europe) को जोड़ेगा। जाहिर है कि जिन देशों से ये कॉरिडोर होकर गुजरेगा वहां आर्थिक तंत्र और ज्यादा मजबूत होगा। इसे चीन के अति महत्वपूर्ण BRI से मुकाबले के तौर पर देखा जा रहा है।
G20 Delhi Declaration: भारत की कूटनीति को अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जी20 शिखर सम्मेलन में नई दिल्ली घोषणा पत्र को एक सुर में सर्वसम्मति से मंजूर किया गया। नई दिल्ली घोषणा पत्र में सदस्य देशों की क्षेत्रीय अखंडता व संप्रभुता बनाए रखने समेत, अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानूनों, क्षेत्र में शांति और स्थिरता की रक्षा करना, अंतरराष्ट्रीय कानूनों को बनाए रखना आदि शामिल हैं।
Launch of the Global Biofuel Alliance (GBA): जी20 शिखर सम्मेलन के मौके पर पीएम मोदी ने अमेरिका, सिंगापुर, बांग्लादेश, इटली, ब्राजील, अर्जेंटीना, मॉरीशस और संयुक्त अरब अमीरात के नेताओं के साथ 9 सितंबर 2023 को नई दिल्ली में वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन का भी शुभारंभ किया।
GBA, G20 अध्यक्ष के रूप में भारत की एक पहल है। इस गठबंधन का इरादा प्रौद्योगिकी प्रगति को सुविधाजनक बनाने, टिकाऊ जैव ईंधन के उपयोग को तेज करने, जैव ईंधन के वैश्विक उत्थान में तेजी लाने का है। वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन ज्ञान के केंद्रीय भंडार और विशेषज्ञ केंद्र के रूप में भी कार्य करेगा। जीबीए का लक्ष्य एक उत्प्रेरक मंच के रूप में काम करना है।
African Union Joins G20: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के साथ अफ्रीकी संघ (AU) दुनिया की 20 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के समूह (G20) का स्थायी सदस्य बन गया। गौरतलब है कि अफ्रीकन यूनियन 55 अफ्रीकी देशों का एक समूह है। जी20 से जुड़ने के बाद अफ्रीकन यूनियन के देश समूह आर्थिक और नीतिगत फैसलों से लाभान्वित होंगे।
Advancing a more inclusive G20 that echoes the aspirations of the Global South!
PM @narendramodi extends a heartfelt welcome to President @_AfricanUnion and the President of Comoros Azali Assoumani.
Thrilled to have the African Union as a permanent member. A milestone for the… pic.twitter.com/SqwziRCwiT
इसके अलावा जी20 सम्मेलन में कोरोना और रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) के बाद विश्व के तमाम देशों के बीच पनपे तनाव को कम करने की कोशिशें की गईं। साथ ही दुनियाभर से दिल्ली में जुटे नेताओं ने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि भी दी।
अन्य घटनाक्रम
- अमेरिका के राष्ट्रपति ने भारत की सराहना के साथ कहा कि, इस सम्मेलन ने ये साबित कर दिया है कि जी20 समूह दुनिया की बड़ी समस्याओं को हल करने की दिशा में काम कर सकता है।
- जी20 शिखर सम्मेलन में ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक (Rishi Sunak) ने चीन के सामने जासूसी का मामला उठाया।
- ब्राजील के राष्ट्रपति लुईस इनासियो लूला डा सिल्वा (Luiz Inácio Lula da Silva) ने विश्व की उभरती अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों के हितों को आवाज देने के लिए भारत का शुक्रिया अदा किया।
कैसे मिलती है G20 की मेजबानी?
जी20 19 देशों, यूरोपियन यूनियन (European Union), अफ्रीकन यूनियन (African Union) शामिल हैं। रोटेशनल प्रक्रिया के तहत हर साल इसके सदस्य देशों को सम्मेलन की मेजबानी का मौका मिलता है। इस बार ये सम्मेलन भारत में आयोजित हुआ। सम्मलेन के समापन के मौके पर पीएम मोदी ने ब्राजील के राष्ट्रपति को शिखर सम्मेलन की आधिकारिक अध्यता सौंपी। इस दौरान उन्होंने ब्राजील के राष्ट्रपति को अध्यक्षता का ‘हथौड़ा’ सौंपा।