नईदिल्ली (ए)। सरकार ने गुरुवार को विकास दर से जुड़े आंकड़े जारी कर दिए। सरकार का कहना है कि वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही (जून-अगस्त) में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत रही। वहीं पिछली जनवरी-मार्च तिमाही में ये विकास दर 6.1 फीसदी रही। बता दें कि पिछले वित्तीय वर्ष में इसी तिमाही (जून-अगस्त) में 13.1 फीसदी विकास दर दर्ज की गई थी।
जीडीपी प्रिंट काफी हद तक स्ट्रीट अनुमान के अनुरूप आया। अर्थशास्त्रियों ने अनुमान लगाया था कि सेवा क्षेत्र और अधिक पूंजीगत व्यय के कारण अर्थव्यवस्था एक वर्ष में सबसे तेज वार्षिक गति दर्ज कर सकती है। जानकारी के लिए बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अप्रैल-जून तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 7 प्रतिशत से ज्यादा रहने का अनुमान जताया था। ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट या सकल घरेलू उत्पाद (GDP) देश में पैदा होने वाले सभी सेवाओं और सामानों के कुल मूल्य को कहा जाता है।
इससे यह पता चलता है कि विशेष समय में अर्थव्यवस्था ने कैसा प्रदर्शन किया है। अगर जीडीपी डेटा में कमी दिखती है तो इसका मतलब है कि देश की अर्थव्यवस्था ढीली हो रही है। कहा जाता है कि भारत जैसे देश के लिए साल दर साल जीडीपी ग्रोथ हासिल करना जरूरी है। इससे बढ़ती आबादी की जरूरतों को पूरा किया जा सकता है।