Home छत्तीसगढ़ प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना : प्रशासन के सतत सहयोग से अधिक किसानों को लाभ पहुंचाने का प्रयास

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना : प्रशासन के सतत सहयोग से अधिक किसानों को लाभ पहुंचाने का प्रयास

by admin

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना : प्रशासन के सतत सहयोग से अधिक किसानों को लाभ पहुंचाने का प्रयास

बीते वर्ष की तुलना में खरीफ वर्ष 2023-24 में बढ़कर 148778 ऋणी और 7596 अऋणी किसानों ने किए आवेदन

अम्बिकापुर। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत जिले में कलेक्टर श्री कुंदन कुमार के मार्गदर्शन में किसानों को कृषि कर में अधिक लाभ दिलाए जाने हेतु प्रयास किया जा रहा है। कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों के आवेदन करने की अंतिम तिथि 16 अगस्त थी। जिसमें खरीफ वर्ष 2023-24 में पिछले वर्ष की तुलना में 18 हजार 577 ऋणी कृषकों ने तथा 02 हजार 909 अऋणी कृषकों की आवेदन संख्या बढ़ी है। बीते वर्ष 2022-23 में जहां 1 लाख 30 हज़ार 201 ऋणी और 4 हज़ार 687 अऋणी किसानों ने आवेदन किये थे। वहीं प्रशासन के सतत सहयोग से इस बार 1 लाख 48 हज़ार 778 ऋणी किसानों द्वारा आवेदन किया गया है। हो गयी है। अऋणी किसानों में भी 7 हज़ार 596 किसानों द्वारा आवेदन किया गया है।
गौरतलब है कि कृषि विभाग द्वारा किसानों तक योजना के प्रचार-प्रसार हेतु प्रचार-प्रसार रथ जिले के द्वारा विभिन्न ग्रामों में बीमा की जानकारी के साथ बीमा कराने हेतु आवश्यक तकनीकी जानकारी किसानों को सुविधा मुहैया करायी गयी है, जिसके द्वारा क्षेत्र में अधिसूचित फसल उगाने वाले सभी ऋणी-अऋणी किसानों ने  फसल बीमा योजना का लाभ उठाया। भारत सरकार की इस योजना को छत्तीसगढ़ सरकार के सहयोग से “एचडीएफसी अर्गो जनरल इंश्योरेन्स कंपनी लिमिटेड“ द्वारा खरीफ 2023 में राज्य के 12 जिलों बिलासपुर, दुर्ग, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी- भरतपुर, मुंगेली, सुकमा, सरगुजा, बालोद, बलौदा बाजार, बलरामपुर, दंतेवाडा, गौरेला पैड्रा मरवाही, रायपुर में संचालित की जा रही है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत खरीफ फसल हेतु सिंचित व असिंचित धान, मक्का, अरहर, मूंग, मूंगफली, कोदो, कुटकी, अरहर (तुअर), सोयाबीन फसल का बीमा कराया जा रहा है। इन फसलों का अधिसूचित क्षेत्र के आधार पर प्रतिकूल अवस्थाओं के कारण बुवाई/रोपाई नहीं होने पर, ओलावृष्टि, बेमौसम बारिश, भूस्खलन, जल भराव, बादल फटने, आकाशीय बिजली जैसे प्राकृतिक आपदाओं, कीट एवं रोगों के परिणाम स्वरूप अधिसूचित फसलों के नष्ट होने की स्थिति में किसानों को बीमा का लाभ दिया जाएगा।

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