Home देश-दुनिया G 20 के लिए किराए पर आएंगी जर्मनी से बुलेटप्रूफ गाड़ियां, BSF व CRPF के जवानों को चलाने की दी जा रही ट्रेनिंग

G 20 के लिए किराए पर आएंगी जर्मनी से बुलेटप्रूफ गाड़ियां, BSF व CRPF के जवानों को चलाने की दी जा रही ट्रेनिंग

by admin

नई दिल्ली (ए)। आगामी आठ सितंबर से शुरू होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन की सुरक्षा तैयारी लगभग पूरी कर ली गई है। विदेशी मेहमानों की सुरक्षा में कोई चूक न हो इसके लिए सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं। सुरक्षा तैयारियों को लेकर शुक्रवार को प्रधानमंत्री कार्यालय में पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा व तमाम केंद्रीय एजेंसियों के प्रमुखों की घंटों बैठक हुई।

जर्मनी से आएंगी 20 ऑडी कारें

सम्मेलन में भाग लेने आने वाले राष्ट्राध्यक्षों, उनके साथ आने वाले मंत्री समूहों व अंतरराष्ट्रीय संगठनों के अधिकारियों के लिए भारत सरकार जर्मनी से कुल 24 बुलेटप्रूफ गाड़ियां मंगा रही हैं। इनमें 20 ऑडी कारें हैं। इन कारों की ड्राइविंग सीट बाईं तरफ होगी। चार गाड़ियां मर्सिडीज पैलेस की हैं। इनकी ड्राइविंग सीट दाहिने तरफ होगी। इनमें काले रंग की कुछ गाड़िया आ भी चुकी है, जिन्हें सुरक्षा यूनिट को सौंप दी गई है।

दिल्ली पुलिस ने खरीदी करीब 500 गाड़िया

कुछ निर्धारित समय के लिए ये गाड़ियां किराए पर मंगाई जा रही हैं। सम्मेलन खत्म होने के बाद उसे जर्मनी को वापस कर दिया जाएगा। इन कारों को चलाने के लिए बीएसएफ व सीआरपीएफ के कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। सम्मेलन के लिए दिल्ली पुलिस भी करीब 500 गाड़ियां पहले खरीद चुकी हैं। इनमें कुछ विशेष रूप से डिजाइन कराई गई गाड़ियां शामिल हैं जो सुरक्षा यूनिट को मुहैया कराई गई हैं।

सूत्रों के मुताबिक अमेरिका, चीन व रूस आदि कुछ देशों के राष्ट्राध्यक्षों के लिए वहीं से गाड़ियां दिल्ली आएंगी। विदेश मंत्रालय से सुरक्षा यूनिट को अभी यह जानकारी मुहैया नहीं कराई गई है कि किन-किन देशों से गाड़ियां भारत आएंगी। उनकी संख्या कितनी होंगी और उन्हें कौन चलाएगा। अधिकतर पश्चिमी देशों की गाड़ियों में ड्राइविंग सीट बाईं तरफ ही होती है।

सम्मेलन के दौरान रहेगा अवकाश

एशियाई देशों की गाड़ियों में ड्राइविंग सीट दाहिने तरफ होती है। दिल्ली यातायात पुलिस के विशेष आयुक्त का कहना है कि ड्राइविंग सीट दाहिने व बाईं तरफ होने से यातायात के संचालन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। आठ, नौ व दस सितंबर को सम्मेलन के दौरान अवकाश घोषित रहेगा। जिससे सड़कें खाली रहेंगी। राष्ट्राध्यक्षों व अन्य मेहमानों की गाड़ियाें के काफिले के आगे व पीछे सुरक्षा यूनिट की गाड़ियां ही रहेंगी।

आगे चलने वाली गाड़ियों को फालो करते हुए पीछे की सभी गाड़ियां चलेंगी। ऐसे में ड्राइविंग सीट दाहिने व बाईं तरफ रहने से कोई असर नहीं पड़ेगा। उसके लिए अलग से कोई बंदोबस्त नहीं करना पड़ेगा। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, सम्मेलन में करीब 28 देशों के राष्ट्राध्यक्ष व 13-14 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों के भाग लेने की बात कही जा रही है।

राष्ट्रध्यक्षों के काफिले में चलेगी 12-15 गाड़ी

राष्ट्राध्यक्षों के काफिले में 12-15 गाड़ियां और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के काफिले में तीन से पांच गाड़ियां चलेंगी। किसी भी काफिले में कोई अन्य वाहन न घुस पा,ए इसके लिए सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए जाएंगे। राष्ट्राध्यक्षों, उनके साथ आने वाले मंत्रियों व अंतरराष्ट्रीय संगठनों के अधिकारियों को ठहराने केे लिए दिल्ली के 14 व गुरुग्राम के दो होटलों में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं। कुल 16 होटलों में इन्हें ठहराया जाएगा। गुरुग्राम के ओबेराय व लीला होटल में दिल्ली पुलिस की भी सुरक्षा रहेगी।

राष्ट्राध्यक्षों की सुरक्षा में जरा भी चूक न हों, इसके लिए सभी एजेंसियों के साथ मिलकर दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए हैं। अब तक छह से सात बार सुरक्षा यूनिट अभ्यास कर चुकी है। शनिवार को सुरक्षा यूनिट ने अब तक का सबसे बड़ा सुरक्षा अभ्यास किया। तड़के चार बजे से दोपहर 12 बजे यानी आठ घंटे तक सभी एजेंसियों ने सुरक्षा अभ्यास किया। सभी देशों के हिसाब से कारों का काफिला विभिन्न होटलों से पहले राजघाट पहुंचा।

वहां से प्रगति मैदान मुख्य आयोजन स्थल और फिर वापस होटल गया। सुरक्षा यूनिट के विशेष आयुक्त ने सम्मेलन के दौरान दिल्ली में आठ, नौ व 10 सितंबर को अवकाश घोषित करने के लिए दिल्ली सरकार को पत्र लिखा है। तीन दिन सभी सरकारी व निजी संस्थान बंद रहेंगे। नई दिल्ली जिले में कुछ जरूरी दुकानों को ही खाेलने की अनुमति होगी। दिल्ली पुलिस इसको लेकर बाद में निर्णय लेगी कि किन-किन दुकानों को खोलने की अनुमति होगी किसे नहीं।

Share with your Friends

Related Posts