जम्मू, (ए)।जम्मू-कश्मीर की छात्राएं ट्रेन पर शिक्षा व ज्ञान के नए मिशन पर निकलेंगी और नवभारत को समझेंगी। इसके तहत वह देश के सात बड़े शहरों के आआइटी, विश्वविद्यालय एवं अन्य उत्कृष्ट शिक्षण संस्थानों का भ्रमण करेंगी।
इन छात्रों के पास उन संस्थानों के अकादमिक और रिसर्च ढांचे को समझने के अलावा उन प्रदेशों की संस्कृति व विरासत को भी जानने और समझने का अवसर होगा।
अपनी तरह के इस अनोखे प्रोजेक्ट को ‘कॉलेज आन व्हील्स’ और इस ट्रेन को ज्ञानोदय एक्सप्रेस का नाम दिया गया है।
800 छात्राओं के साथ मार्गदर्शन के लिए 100 शिक्षक भी साथ होंगे।
जम्मू कश्मीर उच्च शिक्षा परिषद, जम्मू विश्वविद्यालय और प्रदेश सरकार के सहयोग से यह ज्ञानोदय एक्सप्रेस नवंबर माह में जम्मू से 14 दिन के सफर पर रवाना होगी।
इसके लिए आइआरसीटीसी से एक ट्रेन किराये पर लेने संबंधी बातचीत चल रही है। ज्ञानोदय एक्सप्रेस में सफर के लिए जम्मू कश्मीर के सात विश्वविद्यालयों, डेढ़ सौ से अधिक डिग्री कॉलेजों की 800 छात्राओं के साथ मार्गदर्शन के लिए 100 शिक्षक भी साथ होंगे।
उच्च शिक्षा परिषद के उपाध्यक्ष व दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. दिनेश सिंह, जम्मू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. उमेश राय ने इस परियोजना का सपना बुना है। इस प्रोजेक्ट के संयोजक व जम्मू विश्वविद्यालय के डीन रिसर्च प्रो. नरेश पाधा का कहना है कि महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देने के लक्ष्य के तहत प्रतिभाशाली छात्रों को इस सफर पर ले जाया जा रहा है।
यह ट्रेन मुबंई, बेंगलुरु, दिल्ली, अहमदाबाद आदि सात स्टेशन पर रुकेगी। अभी शिक्षण संस्थानों से बातचीत चल रही है।
सफर के लिए यूं चुनीं जाएंगी छात्राएं
ज्ञान के इस सफर के लिए छात्राओं के चयन के लिए मापदंड निर्धारित किए गए है। छह से आठ छात्राओं के समूह को तकनीकी शिक्षा, विज्ञान, नवाचार और रेलवे के बारे में एक प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनानी होगी और इसे 17 अगस्त तक जम्मू विश्वविद्यालय में जमा करवाना होगा।
विशेषज्ञों की समिति इस प्रोजेक्ट रिपोर्ट का आकलन करेगी और उसके आधार पर छात्राओं के समूह का चयन किया जाएगा। इसमें जम्मू जम्मू विश्वविद्यालय के अलावा कश्मीर विश्वविद्यालय, क्लस्टर विश्वविद्यालय जम्मू, क्लस्टर विश्वविद्यालय श्रीनगर, श्री माता वैष्णो देवी विश्वविद्यालय कटड़ा, बाबा गुलाम शाह बड़शाह विश्वविद्यालय राजौरी और इस्लामिक विज्ञान व तकनीकी विश्वविद्यालय अंवतीपोरा के अलावा प्रदेश के सभी डिग्री कॉलेजों की छात्राएं हिस्सा ले सकते हैं।
प्रो. पाधा ने कहा कि इस प्रोजेक्ट के लिए धनराशि जम्मू कश्मीर सरकार उपलब्ध करवाएगी। विद्यार्थियों के ठहरने, खाने पीने के सारे प्रबंध किए जाएंगे।