नई दिल्ली (ए)। संसद के मानसून सत्र के दौरान सरकार और विपक्षी दलों के बीच जारी खींचतान के बीच दोनों सदनों – लोकसभा और राज्यसभा – में कामकाज प्रभावित हुआ है।केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी के मुताबिक, मानसून सत्र के दौरान लोकसभा में लगभग 45 प्रतिशत जबकि राज्यसभा में 60 प्रतिशत कामकाज हुआ। जोशी ने सदन में समय की बर्बादी के लिए विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए यह भी कहा कि सदन चर्चा के लिए होता है।राजनाथ सिंह, पीयूष गोयल और उन्होंने स्वयं भी कई बार सदन चलने देने को लेकर लगातार अनुरोध किया और प्रयास किया। लेकिन, विपक्ष ने सहयोग नहीं किया। कामकाज को लेकर जानकारी देते हुए उन्होंने आगे बताया कि सत्र के दौरान लोकसभा द्वारा 22 और राज्यसभा द्वारा 25 विधेयक पारित किए गए। दोनों सदनों द्वारा पारित किए गए विधेयकों की कुल संख्या 23 रही। हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने विपक्षी दलों से यह आग्रह भी किया कि अगला सत्र जो कि इस लोकसभा का आखिरी सत्र होगा, क्योंकि इसके बाद बजट वाला सत्र ही होना है इसलिए वो अपील करेंगे कि विपक्ष अगले सत्र (शीतकालीन सत्र ) में चर्चा में जरूर शामिल हो। केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने विपक्षी दलों पर संसदीय नियमों एवं परंपरा तक का पालन नहीं करने का आरोप लगाते हुए कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री के जवाब के बाद विपक्ष को राइट टू रिप्लाई के तहत बोलने का अधिकार होता है और अगर वे प्रधानमंत्री के जवाब से संतुष्ट नहीं होते तब उसके बाद उन्हें वॉकआउट करना चाहिए था। लेकिन, उन्होंने पहले ही वॉकआउट कर दिया
मानसून सत्र में हंगामे के साइड इफेक्टः लोकसभा में 45 और राज्यसभा में 60 प्रतिशत हुआ कामकाज
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