Home देश-दुनिया 2 रुपये के चक्कर में 37 साल चला मुकदमा, ये रही बड़ी वजह

2 रुपये के चक्कर में 37 साल चला मुकदमा, ये रही बड़ी वजह

by admin

पटना  (ए)।   बिहार के बेगूसराय में 37 साल पुराने मामले में पांच पुलिसकर्मियों को विजिलेंस कोर्ट ने आखिरकार बरी कर दिया है। पुलिसकर्मियों पर वाहन मालिकों से दो-दो रुपए वसूलने का आरोप था। पुलिसकर्मियों को नोट वसूलते हुए खुद एसपी ने पकड़ा था।

इसके बाद पुलिसकर्मियों के खिलाफ बेगूसराय के मुफस्सिल थाना में मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में 37 साल बाद फैसला आया है और भागलपुर के विजिलेंस कोर्ट की अदालत ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया। इस मामले में अभियोजन की तरफ से कोई सबूत या गवाह नहीं पेश किया जा सका। कोर्ट के सामने कोई ऐसा प्रमाण नहीं आया जिससे आऱोपी की घटना में संलिप्ता है ये साबित हो। इसके बाद कोर्ट ने साक्ष्यों के अभाव में सभी आरोपियों को बरी कर दिया। इस मामले में जिन पुलिसक्रमियों को बरी किया गया वो युगेश्वर महतो, कैलाश शर्मा, राम बालक राय, रामरतन शर्मा और ज्ञानी शंकर सिंह हैं।

दरअसल, ये मामला 10 जून 1986 का है। बेगूसराय के लाखो चेक पोस्ट पर अवैध वसूली की सूचना तात्कालीन एसपी अरविंद वर्मा को मिली। इसके बाद वो नगर अंचल निरीक्षक सरयुग बैठा को साथ लेकर लाखो पेट्रोल पंप पर पहुंचे। लाखो चेक पोस्ट पर जाकर जांच करने की बात कही। इसके बाद उन्होंने वहां से गुजर रहे एक ट्रक को रोका और उसपर बैठ गए। एसपी ने एक दो रुपए के नोट पर सिग्नेचर करके खलासी को दिया। अंचल निरीक्षक सरयुग बैठा ने लाखो थाने में दर्ज कराए मामले में कहा कि पोस्ट पर तैनात जवान ने बैरियर को खोला इसके बाद खलासी ने उतरा और वहां तैनात होमगार्ड जवान रामरतन शर्मा को दो रुपए का वह नोट दिया जो एसपी ने दिया था। खलासी ने वापस आकर पैसे लिए जाने की बात कही इसके बाद एसपी ने जाकर चेक किया तो उसके पास से हस्ताक्षर वाले नोट के साथ उसके पास से कुल आठ रुपए मिले।

Share with your Friends

Related Posts