नई दिल्ली (एं)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को राजधानी लखनऊ में 5 कालिदास मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास में निजी विश्वविद्यालय और उच्च शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। इस अवसर पर देश के प्रतिष्ठित निजी विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों के कुलाधिपति, कुलपति, प्रतिकुलपति, निदेशक, मुख्य कार्यकारी अधिकारी और अन्य प्रतिनिधि शामिल हुए थे। इस दौरान सीएम योगी ने यूपी में विश्वविद्यालयों की स्थापना के लिए देश के प्रतिष्ठित निजी विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थान समूहों को निवेश के लिए आमंत्रण दिया और कहा कि शिक्षा में किया गया निवेश कभी व्यर्थ नहीं जाता। बैठक के दौरान सीएम योगी ने कहा कि यूपी के जिन जिलों में विश्वविद्यालय नहीं है, वहां विश्वविद्यालयों की स्थापना करने वाले संस्थानों को यूपी सरकार हर संभव सहायता उपलब्ध कराएगी। विश्वविद्यालयों की स्थापना करना देश और समाज का भविष्य संवारने का माध्यम है। युवा आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में अनंत संभावनाएं हैं। ऐसे में निजी क्षेत्र को इसका लाभ उठाना चाहिए।सीएम योगी ने आगे कहा कि यूपी में आज इंफ्रस्ट्रक्चर डेवलपमेंट और इंटर स्टेट कनेक्टिविटी काफी बेहतर हुई है। 2017 से पहले उत्तर प्रदेश में 12 मेडिकल कॉलेज थे, बीते 6 सालों में आज 45 जिलों में सरकारी मेडिकल कालेज संचालित हैं, जबकि 16 निर्माणाधीन हैं। इसके अलावा पीपीपी मोड पर 16 मेडिकल कॉलेज की भी स्थापना की जा रही है। उन्होंने आगे कहा कि यूपी में अब 22 राज्य और 03 केंद्रीय विश्वविद्यालय संचालित हैं। जबकि 03 राज्य विश्वविद्यालय निर्माणाधीन हैं। साथ ही 36 निजी विश्वविद्यालय, 02 एम्स, 02 आईआईटी और आईआईएम संचालित हैं। इसके अलावा यूपी में 2000 से ज्यादा पॉलिटेक्निक कॉलेज और वोकेशनल इंस्टिट्यूट भी संचालित हो रहे हैं।
निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना के लिए सीएम योगी का आमंत्रण, कहा- शिक्षा में निवेश कभी व्यर्थ नहीं जाता
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