*बोरे-बासी ठंडा ठंडा कूल-कूल*
Chhattisgarh
बोरे बासी क्या है यदि जानने की कोशिश करे, तो हम पाएंगे कि यह वास्तव में फ़रमेंटेड चावल होता है। पके चावल को माड़ और पानी के साथ रात को भिगोकर रख दिया जाता है और सुबह इसका सेवन किया जाता है, इसे बोरे बासी कहते हैं। इस प्रक्रिया में चावल में कई स्वास्थ्य वर्धक गुणों का समावेश हो जाता है और यह नियमित सामान्य चावल की तुलना में अधिक लाभकारी हो जाता है। यदि कोई डायबिटिक पेशेंट है, तो सामान्य चावल की जगह कोदो चावल का प्रयोग कर सकते हैं और हाई ब्लड प्रेशर के पेशेंट सामान्य नमक की जगह कम मात्रा मे सेंधा नमक का प्रयोग करके बोरे-बासी खा सकते हैं। कुल मिलाकर बोरे-बासी एक सस्ता पौष्टिक सुपर फ़ूड है।
गणेश विनायक नेत्र चिकित्सालय रायपुर के डायरेक्टर डॉ. अनिल गुप्ता ने बताया कि फ़र्मेंटेशन की प्रक्रिया इसमें से अतिरिक्त वसा को हटा देती है। बी कॉम्प्लेक्स, विटामिन के, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, पोटेशियम और सेलेनियम को बढ़ा देती है। फ़र्मेंटेशन की प्रक्रिया से बोरे बासी लैक्टोबैसिलस, लैक्टिक एसिड बैक्टीरिया जैसे लाभकारी प्रोबायोटिक्स से भरपूर होते हैं। फर्मेंट करने की प्रक्रिया से प्रोबायोटिक बनते है जिससे पाचन मजबूत होता है और पाचन तंत्र की बहुत सी बीमारियों में लाभ मिलता है। यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है।
डॉ. गुप्ता ने बताया कि एक शोध के अनुसार 100 ग्राम चावल में 3.4 मिलीग्राम आयरन होता है। अगर इसे 12 घंटे के लिए पानी में भिगोकर रखा जाए तो आयरन की मात्रा कई गुना बढ़ जाती है, जो शरीर के लिए लाभदायक होता है। इसमें सोडियम के अलावा, पोटेशियम, कैल्शियम होता है। इसे पचाना भी आसान है। शरीर में पानी की मात्रा को बनाए रखने के बासी भरपूर मदद करता है। गर्मियों में शरीर और मन दोनों को ठंडा ठंडा कूल कूल रखने में बोरे बासी मदद करता है। यदि स्वास्थ्य के अतिरिक्त लाभ की बात करें तो यह स्वादिष्ट होने के साथ साथ कम बजट पौष्टिक खाना है। जो ना केवल श्रमिकों के लिए एक एनर्जी फूड अपितु सभी लोगोँ के एक सुपर फूड है।