प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मासिक रेडियो संबोधन ‘मन की बात’ का 100वां एपिसोड 30 अप्रैल को प्रसारित किया गया है। इस खास कार्यक्रम के दौरान लाखों लोगों ने दुनिया के विभिन्न हिस्सों में इस कार्यक्रम को सुना है। खास बात है कि न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में 100वीं कड़ी का सीधा प्रसारण भी किया गया जो ऐतिहासिक क्षण है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम के दौरान कहा कि अक्टूबर 2014 में विजयादशमी के दिन शुरू हुई ‘मन की बात’ एक “मन की बात” बन गई है। ये कार्यक्रम लोगों के लिए अच्छाई और सकारात्मकता का अनोखा त्योहार बन गया है।” पीएम ने कहा कि मन की बात एक ऐसा पर्व बन गया है, जिसका सभी को हर महीने बेसब्री से इंतजार रहता है।
संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि “3 अक्टूबर 2014 को विजयादशमी पर्व के दिन हम सबने मिलकर ‘मन की बात’ की यात्रा शुरू की। विजयादशमी बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व है। ‘मन की बात’ भी अनूठी हो गई है।” देश के लोगों के लिए अच्छाई और सकारात्मकता का त्योहार। एक ऐसा त्योहार जो हर महीने आता है, जिसका हम सभी बेसब्री से इंतजार करते हैं। हम सकारात्मकता का जश्न मनाते हैं।”
पीएम ने आगे कहा कि उन्हें लोगों से हजारों पत्र और संदेश मिले और उन्हें पढ़ते हुए “भावनाओं में बह गए”। जानकारी के मुताबिक लोगों के जीवन पर मन की बात के प्रभाव के संबंध में एक अध्ययन किया गया है। अध्ययन से पता चला है कि 100 करोड़ से अधिक लोग कम से कम एक बार मन की बात से जुड़े हैं, यह सीधे लोगों से बात करता है, जमीनी स्तर के परिवर्तनकर्ताओं और लोगों की उपलब्धियों का जश्न मनाता है और लोगों को सकारात्मक कार्यों के प्रति प्रभावित करता है। बता दें कि कार्यक्रम का दूरदर्शन द्वारा देश भर के राजभवनों में सीधा प्रसारण भी किया गया।
बता दें कि मन की बात कार्यक्रम 3 अक्टूबर, 2014 को शुरू हुआ, महिलाओं, युवाओं और किसानों जैसे कई सामाजिक समूहों को संबोधित करते हुए सरकार के नागरिक-पहुंच कार्यक्रम का एक प्रमुख स्तंभ बन गया है और इसने सामुदायिक कार्रवाई को बढ़ावा दिया है। खास बात है कि मन की बात कार्यक्रम का प्रसारण 22 भारतीय भाषाओं और 29 बोलियों के अलावा, मन की बात फ्रेंच, चीनी, इंडोनेशियाई, तिब्बती, बर्मी, बलूची, अरबी, पश्तू, फारसी, दारी और स्वाहिली सहित 11 विदेशी भाषाओं में होता है।