Home छत्तीसगढ़ पोषक तत्वों से भरपूर छत्तीसगढ़ का बोरे-बासी

पोषक तत्वों से भरपूर छत्तीसगढ़ का बोरे-बासी

by Surendra Tripathi

बासी खाने से बीपी और हाइपरटेंशन रहता है कंट्रोल
उत्तर बस्तर कांकेर .

छत्तीसगढ़ राज्य के निवासियों के जीवन में बासी इतना घुला-मिला है कि समय बताने के लिए भी सांकेतिक रूप से इसका उपयोग किया जाता है। सुबह जब कहीं जाने की बात होती है तो बासी खाकर निकलने का जवाब मिलता है, इससे पता चल जाता है कि व्यक्ति सुबह 8 बजे के बाद घर से निकलेगा। वहीं दोपहर के वक्त बासी खाने के समय की बात हो तो मान लिया जाता है कि लगभग एक बजे का समय हो गया है। ‘बासी खाय के बेरा’ से पता चल जाता है कि यह लंच का समय है।
छत्तीसगढ़ में लोग वर्षों से नास्ते के रूप में बोरे-बासी (रात का भीगा हुआ चांवल) खाते आ रहे हैं। छतीसगढ़ में लोग अपने इस पारंपरिक भोजन बोरे-बासी को खूब चाव से खाते हैं। ये गर्मियों में शरीर को ठंडा रखने का काम करता है। दरअसल, ताजा भात यानी चावल को जब पानी में डुबोकर खाया जाता है, तो उसे बोरे कहते हैं। इसे दूसरे दिन खाने पर यह बासी कहलाता है। फिर इसे आम या नींबू का अचार, प्याज और हरी मिर्च, दही या मठ्ठा डालकर, भाजी, रखिया बड़ी, मसूर दाल की सब्जी, रात की बची अरहर दाल, कढ़ी या बड़ी-बिजौरी के साथ खाया जाता है। इसे खाने से खूब प्यास लगती है और ज्यादा पानी पीने से डि-हाइड्रेशन जैसी समस्या नहीं होती है। बताया जाता है कि इसे खाने के बाद यह शरीर के ताप को नियंत्रित करता है। इस वजह से पड़ने वाली गर्मी और लू का प्रभाव नहीं पड़ता है, इसे खाने से नींद भी अच्छी आती है।
छत्तीसगढ़ में बासी को मुख्य आहार माना गया है। बासी का सेवन समाज के हर तबके के लोग करते हैं। रात के बचे हुए भात को पानी में डुबोकर रख दिया जाता है और उसे सुबह नाश्ता के तौर पर या दोपहर में खाने के समय इसका सेवन किया जाता है, इसलिए इसे सुलभ व्यंजन भी माना गया है। विशेषकर गर्मी के मौसम में बोरे-बासी को बहुतायत लोग खाना पसंद करते हैं। बोरे-बासी पर अमेरिका में हुए शोध में पाया गया कि इसे खाने से डी-हाइड्रेशन, बीपी और हाइपरटेंशन कंट्रोल में रहता है।
गर्मी के दिनों में बोरे-बासी पाचन शक्ति बढ़ाता है। बोरे बासी शरीर को ठंडा रखता है। त्वचा की कोमलता और वजन संतुलित रखने में मदद करता है, इसमें सारे पोषक तत्व मौजूद होते हैं। बोरे-बासी सिर्फ खाने में ही जायकेदार नहीं होती, बल्कि इसे खाकर काम पर जाने पर शरीर का ताप नियंत्रित रहता है, जिसकी वजह से पड़ने वाली गर्मी और लू का इफेक्ट नहीं पड़ता है। इसे खाने से नींद भी अच्छी आती है। छत्तीसगढ़ का बोरे बासी पोषक तत्वों से भरपूर है। शरीर को ठंडक पहुंचाने के साथ यह स्किन के लिए भी फायदेमंद है। बासी के साथ हमेशा भाजी खाया जाता है। पोषक तत्वों के लिहाज से भाजी में लौह तत्व प्रचुर मात्रा में विद्यमान रहता हैं। इसके अलावा बासी के साथ दही या मही सेवन किया जाता है। दही या मही में भारी मात्रा में कैल्शियम मौजूद रहते हैं। दरअसल गर्मी के दिनों में छत्तीसगढ़ में भाजी की बहुतायत होती है। इन भाजियों में प्रमुख रूप से चेंच भाजी, कांदा भाजी, जीर्रा भाजी, बोहार भाजी बहुतायत में होती है। इन भाजियों के साथ बासी का स्वाद दुगुना हो जाता है।
गर्मी के मौसम में बोरे-बासी का सेवन करना फायदेमंद साबित हो सकता है। इसका सेवन करने से शरीर में पूरे दिन ठंडक बनी रहती है। जिन लोगों को हाई बीपी की समस्या है, वे ‘बासी’ का सेवन करके उसे कंट्रोल कर सकते हैं. भले ही ये एक देसी तरीका हो, लेकिन इसके कई लाभ हैं। पेट संबंधित समस्याओं से निजात पाने के लिए भी बासी को खाया जा सकता है। ये आहार पाचन क्रिया को दुरुस्त करता है और गैस या कब्ज जैसी समस्याएं भी दूर होती है। बासी  में पानी की भरपूर मात्रा होने के कारण पेशाब ज्यादा लगती है, यही कारण है कि नियमित रूप से बासी का सेवन किया जाए तो मूत्र संस्थान में होने वाली बीमारियों से बचा जा सकता है। पथरी की समस्या होने से भी बचा जा सकता है। चेहरे में ताजगी, शरीर में स्फूर्ति रहती है। बासी में शरीर के लिए जरूरी कई पोषक तत्व जैसे कार्बोहाइड्रेट, विटामिन बी-12, कैल्शियम, पोटेशियम और आयरन काफी मात्रा में मौजूद होते हैं। इसमें ताजे चावल के मुकाबले ज्यादा कैलोरी होती है, जो लोग अपना वजन बढ़ाना चाहते हैं, वे इसे अपने खान-पान का हिस्सा बना सकते है।

Share with your Friends

Related Posts