सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के निगमित सामाजिक उत्तरदायित्व विभाग द्वारा छतीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड के सहयोग से नारी सशक्तिकरण के तहत आयोजित त्रैमासिक सीसल शिल्प प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन समारोह 19 अप्रैल 2023 को संपन्न हुआ। सीसल शिल्प प्रशिक्षण शिविर में 25 महिलाओं ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। आज सीसल शिल्पकला से महिलाएं बैग, मिरर, शोकेस, कछुआ, भगवान कृष्ण, हैण्ड पर्स, फैंसी चप्पल आदि विविध सामग्री बनाने तथा रोजगार सृजन करने में सक्षम हो रही हैं।
इस समापन कार्यक्रम के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं) डॉ अन्नपूर्णी उपस्थित रही। उन्होंने कहा कि आज नारियों का आत्मनिर्भर बनना अत्यंत आवश्यक है। ताकि इस आर्थिक समृद्धि से, देश के विकास में हम सब भागीदार बनें। प्रशिक्षणार्थी महिलाएँ सीसल शिल्प के हुनर से अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगी और साथ ही परिवार की आमदनी में सहयोग करेंगी। यह नारी सशक्तिकरण के लिए भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा उठाया गया नेक कदम है। उन्होंने बताया कि मरोदा श्रमिक बस्ती की 25 महिलाओं ने 3 माह तक प्रशिक्षण प्राप्त किया, जिन्हें प्रतिमाह 3000 रुपये मानदेय भी दिया गया। आज ये सभी महिलाएं छतीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड से पंजीबद्ध भी हो गई हैं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता महाप्रबंधक (सीएसआर) श्री शिवराजन नायर ने किया। उन्होंने कहा कि सेल हमेशा से सीएसआर के माध्यम से लोगों के सुख दुख में भागीदार रहा है। साथ ही उन्होंने प्रशिक्षाणार्थी एवं प्रशिक्षक को अपनी शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम के आयोजन सन्दर्भ पर प्रकश डालते हुए वरिष्ठ प्रबंधक (सीएसआर) सुशील कुमार कामड़े द्वारा स्वागत भाषण दिया गया। साथ ही मार्केटिंग के माध्यम से रोजगार को आगे बढ़ाने की दिशा में अपने सुझाव साझा किये। कार्यक्रम का संचालन सीएसआर टीम के विकास सहायक (सीएसआर) श्रीमती रजनी रजक ने किया। समापन कार्यक्रम में सीएसआर विभाग के कार्मिकगण उपस्थित थे। कार्यक्रम को सफल बनाने में बुधेलाल साहू एवं सहायक (सीएसआर) आशुतोष सोनी का विशेष सहयोग रहा।
इस प्रशिक्षण में कोरबा से आई प्रशिक्षक भानुमति बघेल ने लगातार 3 माह तक इन महिलाओं को प्रशिक्षित किया। जिला प्रभारी (छतीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड) श्री सी एच केहरी ने प्रशिक्षण के बारे में जानकारी साझा की। इस कार्यक्रम में महिलाओं को प्रशिक्षण हेतु तैयार करने, सहयोग करने तथा कार्यक्रम को संबोधित करने में इस क्षेत्र के समाजसेवी एवं जनप्रतिनिधि राजेन्द्र रजक, रंगदास मानिकपुरी तथा बबीता मानिकपुरी की अहम भूमिका रही।
भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा पहली बार मरोदा श्रमिक बस्ती में महिलाओं के उत्थान के लिए आयोजित सीसल शिल्प के प्रशिक्षण से इस क्षेत्र के नागरिकों में बेहद हर्ष व्याप्त था। प्रशिक्षणार्थियों में बेहद जोश और उल्लास रहा जिसे उन्होंने विभिन्न माध्यमों से प्रकट किया। महिलाओं ने समापन अवसर पर सुवा नृत्य की प्रस्तुति दी। इस प्रशिक्षण की भागीदारी में नीरा निषाद, सुनीता शर्मा, त्रिवेणी, जोहतोरीण, सत्था, हेमलता, बबीता, संध्या, पूजा सहित सभी 25 महिलाएं शामिल थी। उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण से उन्हें रोजगार के नये अवसर प्राप्त हुए, जिससे वो आर्थिक रूप से स्वतंत्र होकर परिवार का सहयोग कर पायेंगी।