विद्युत उत्पादन से शक्कर कारखाने को होगी करोड़ांे रुपये का अतिरिक्त आमदनी, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे
रायपुर,
को-जनरेशन प्लाट के शुभारंभ के साथ ही मां महामाया शक्कर कारखाना केरता के नाम एक बड़ी उपलब्धि जुड़ गई है। इस प्लांट में 2 मेगावाट्र विद्युत का उत्पादन को-जनरेशन प्लांट के माध्यम से इसका विक्रय किया जाएगा। जिससे कारखाने के साथ-साथ किसानों को भी फायदा होगा। मां महामाया शक्कर कारखाना को विद्युत उत्पादन से हर महीने लगभग एक करोड़ रूपए की अतिरिक्त आय अनुमानित है। सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने आज मां महामाया शक्कर कारखाना केरता में को-जनरेशन पॉवर प्लांट का स्टार्ट बटन दबाकर विद्युत उत्पादन कार्य का विधिवत शुभारंभ किया।
मंत्री डॉ. टेकाम ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश के तीसरे पॉवर प्लांट का शुभारंभ इस क्षेत्र में होना ऐतिहासिक क्षण है। उन्होंने कहा कि यह प्लांट प्रारंभ होने से कारखाना और किसान दोनों को लाभ होगा। कारखाना में सरप्लस बिजली का उपयोग नही हो रहा था, जिसे ध्यान मे रख पॉवर प्लांट स्थापना के लिए सरकार ने 2 करोड़ रूपए का अनुदान दिया, जिससे प्लांट की स्थापना की गई। अब कारखाना के उत्पादित सरप्लस बिजली को बेचने से प्रतिमाह करीब एक करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय होगी। यहां एथेनॉल प्लांट लगाने की दिशा में काम किया जा रहा है। उन्होंने कारखाना प्रबंधन को महाराष्ट्र के समृद्ध शक्कर कारखानों का भ्रमण अवलोकन वहां की प्रबंधन एवं तकनीक को केरता कारखाने में भी लागू करने का सुझाव दिया ताकि यह शक्कर कारखाना किसानों के लिए और अधिक लाभप्रद हो सके। मंत्री डॉ. टेकाम ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में प्रदेश सरकार हर वर्ग के विकास के साथ किसान हित मे लगातार काम कर रही है। प्रदेश में गन्ना, धान, तेंदूपत्ता का सर्वाधिक दाम दिया जा रहा है। वहीं 65 प्रकार का वनोपज और मिलेट्स की खरीदी भी समर्थन मूल्य पर की जा रही है।
मंत्री डॉ. टेकाम ने हमारी सरकार शक्कर कारखाना में एथेनॉल प्लांट के लिए प्रयास कर रही है और उम्मीद है कि शीघ्र ही यह स्थापित होगा। उन्होंने बताया कि कवर्धा में जनवरी माह में प्लांट का शुभारंभ करने जा रहें है। उन्होंने कहा कि गन्ना कैलेण्डर पर विशेष रूप ध्यान दिए जाने की जरूरत है। कारखाने में सही समय पर गन्ना की आपूर्ति होगी तो किसानों को इसका ज्यादा लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि इस वर्ष यहां पर शक्कर कारखान के रिकवरी 9 प्रतिशत रही, अगर 10 प्रतिशत से ऊपर शक्कर की रिकवरी हो, तो इसका लाभ किसानों को मिलेगा। इसलिए इस पर ध्यान दिया जाए, इसके अलावा गन्ने की अच्छी किस्म लगाने पर ध्यान दें। मंत्री डॉ. टेकाम ने कहा कि पंडरिया कारखान इसका उदाहरण है।
कारखाना अध्यक्ष श्री विद्यासागर सिंह ने कहा कि वर्षाे से लंबित पॉवर प्लांट का स्थापना मंत्री डॉ टेकाम की पहल पर ही संभव हुआ है। प्लांट से कारखाना को अतिरिक्त आय और क्षेत्र की लो-वोल्टेज समस्या दूर होगी। अब कारखाना मे एथेनॉल प्लांट के स्थापना के लिए प्रयास किया जा रहा है। कारखाना और किसान एक दूसरे के पूरक है। उन्होंने गन्ना कृषकों से उत्पादित गन्ने की शतप्रतिशत मात्रा का का विक्रय शक्कर कारखाने में किए जाने की अपील की।
कार्यक्रम को जिला पंचायत सीईओ सुश्री लिना कोसाम, उपाध्यक्ष जितेंद्र दुबे एवं प्रबंध संचालक आकाशदीप पात्रे ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में श्री कुमार सिंहदेव, महाप्रबंधक शक्कर कारखाना सहित अन्य जनप्रतिनिध, शक्कर कारखाना के अधिकारी-कर्मचारी और बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे।