सेल – भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा छतीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड के सहयोग से निगमित सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के तत्वावधान में नारी सशक्तिकरण के तहत कौशल विकास योजना में महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस प्रशिक्षण का अवलोकन महाप्रबंधक (सीएसआर) श्री शिव राजन नायर के निर्देशानुसार सीएसआर टीम के विकास सहायक (सीएसआर) श्रीमती रजनी रजक, सहायक (सीएसआर) आशुतोष सोनी के द्वारा विगत दिनों निरीक्षण किया गया।
राजहरा लौह अयस्क समूह बीएसपी के कौशल विकास योजना के तहत दुल्की माइंस के ग्राम दुल्की में संचालित बाँस शिल्प प्रशिक्षण में 25 महिलाएं प्रशिक्षण ले रही हैं। जिसमे कमकासुर, दुल्की कोस्मि, पुसे, वाडा, कटटा पार की महिलायें, जिसमें अधिकांशतः आदिवासी और बीपीएल (गरीबी रेखा के नीचे) वर्ग से संबंधित हैं। वे आज आत्मनिर्भर बन रही हैं। इस प्रशिक्षण के प्रशिक्षक श्री राहुल भगत जो जशपुर के विशिष्ट बांस शिल्पी है, बड़ी तन्मयता से बाँस से विविध घरेलू एवं सजावटी उत्पाद बनाना सिखा रहे है जैसे, ट्रे, मीरर फ्रेम, ब्रश होल्डर, कप स्टैंड, गुलदस्ता आदि के साथ बाँस की कुर्सी एवं राउंड टी टेबल, दैनिक ग्राम्य जीवन की बहुउपयोगी वस्तु जैसे टूकनी, चरिहा, सुपा, पर्री-पर्रा, झापी, झोऊहाँ भी बनाना सीखा रहे हैं।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम से आस-पास के ग्रामीणों में बहुत प्रसन्नता व्याप्त है और वे भिलाई इस्पात संयंत्र का आभार प्रकट कर रहे है। जो महिलाएं अब तक सिर्फ घर पर खाली बैठी थीं वे अब इस तरह के उत्पाद बना कर रोजगार प्राप्त कर स्वंय सिद्ध सशक्त बन परिवार को आर्थिक रूप से सहयोग भी करेंगी। प्रशिक्षण ले रही महिलाओं को प्रति माह (3000) तीन हजार रुपये प्रोत्साहन राशि मिल रही है। आगामी सप्ताह यह त्रैमासिक प्रशिक्षण पूर्ण होने जा रहा है।