Home छत्तीसगढ़ केन्द्र की अडानी परस्त नीति के विरोध में कांग्रेस ने किया राजभवन मार्च

केन्द्र की अडानी परस्त नीति के विरोध में कांग्रेस ने किया राजभवन मार्च

by Surendra Tripathi
  • प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम, चंदन यादव, विजय जांगिड़ राजभवन मार्च में शामिल हुये

रायपुर।
 केन्द्र की अडानी परस्ती वाली नीति के विरोध में कांग्रेस देशभर में प्रदर्शन और राजभवन मार्च किया। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के अंबेडकर चौक में धरने के बाद कांग्रेसजन राजभवन जाकर राज्यपाल को ज्ञापन सौपा। इस अवसर पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव एवं छत्तीसगढ़ प्रभारी कुमारी सैलजा, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम, एआईसीसी के सचिव एवं प्रदेश प्रभारी सचिव डॉ. चंदन यादव, एआईसीसी के संयुक्त सचिव विजय जांगिड़ सहित प्रदेश के वरिष्ठ नेतागण विशेष रूप से उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में कांग्रेस के ब्लाक से लेकर प्रदेश स्तर तक के पदाधिकारी शामिल हुये।

प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा ने कहा किहिंडनबर्ग खुलासे के लंबा समय बीत जाने के बावजूद अब तक ना कोई एफआईआर, ना किसी भी तरह की जांच का आदेश? आखिर मोदी सरकार मौन क्यों है? हिंडनबर्ग के रिपोर्ट में उजागर आर्थिक अनियमितता, मनी लांड्रिंग, ब्लैक मनी और विदेशों में फर्जी सेल कंपनियां बनाकर किए जा रहे हैं। फर्जीवाड़े पर भाजपा और मोदी सरकार भी भागीदार है। अडानी से भाजपा को सपोर्ट मिलता है, चुनाव लड़ने के लिए पैसा मिलता है और इसीलिए अडानी को बचाने उसके फर्जीवाड़े पर मोदी सरकार पर्दा डाल रही है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि अडानी 609 नंबर पर थे और कुछ ही महीने बाद दुनिया के दूसरे सबसे बड़े पैसे वाले व्यक्ति बन गए। लेकिन हिंडनबर्ग में कुछ ऐसा प्रकाशित हुआ जिसके बाद उनके शेर धड़ाम से गिरे। लोकसभा, राज्यसभा में अडानी मसले पर सवाल के दौरान राहुल गांधी और खड़गे दोनों के भाषण को रिकॉर्ड से हटा दिया जाता है। इसकी जांच क्यों नहीं होती? मोदी सरकार के अडानी परस्ती वाली नीति के कारण ही अडानी समूह इतना बड़ा घोटाला करने में कामयाब रहा। जिसमें देश की सबसे विश्वसनीय वित्तीय संस्थाये एलआईसी और एसबीआई की शाखा भी खतरे में पड़ गयी है। देशव्यापी मांग और संसद में विपक्षी दल द्वारा लगातार किये गये मांग के बावजूद मोदी सरकार अडानी समूह की घपलेबाजी की जांच करवाने को तैयार नहीं है। आखिर प्रधानमंत्री मोदी और केन्द्र सरकार अडानी समूह के आर्थिक घपलेबाजी की जांच से घबरा क्यों रहे है? उन्हें जांच से किसका चेहरा बेनकाब होने का डर सता रहा है? देश की जनता को यह जानने का अधिकार है कि आखिर सरकारी बैंकों से अडानी को अनुपातहीन लोन किस के दबाव में दिया गया? षड्यंत्र उजागर होने के बाद भी एलआईसी का पैसा क्यों दबाव पूर्वक अडानी की कंपनी में लगवाया जा रहा है? एलआईसी और एसबीआई देश की जनता का भरोसा है, जिसे षड्यंत्र पूर्वक व्यक्तिगत लाभ के लिए अपने पूंजीपति मित्र पर लुटाया जा रहा है। लाखों करोड़ के मनी लांड्रिंग, ब्लैकमनी, विदेशों में फर्जी सेल कंपनी बनाकर अडानी की कंपनी में लगाने के तथ्य उजागर हुए हैं।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा किआज पूरे देशभर में राजभवन घेराव का कार्यक्रम किया गया है। केंद्र की मोदी सरकार अडानी ग्रुप को बचाने का काम कर रही है। हमारी मांग है ग्रुप की जांच हो। केंद्र में ’हम दो हमारे दो कि सरकार है’ मोदी जी कहते थे ना खाऊंगा ना खाने दूंगा, लेकिन मोदी जी खुद भी खा रहे हैं और मित्रों को भी खिला रहे हैं। पीएम के भाषण में अक्सर कहा जाता है देश बदल रहा है मगर हकीकत यह है कि देश बिक रहा है। हमारी मांग है एलाआईसी, स्टेट बैंक और अन्य बैंकों की जो संपत्तियां हैं जो देश के खून पसीने की कमाई और आम जनता का पैसा इनमें लगा है। उनका पैसा सुरक्षित हो। आम जनता की लड़ाई कांग्रेस पार्टी लड़ रही है। हम महामहिम राज्यपाल के माध्यम से केंद्र सरकार से मांग करते हैं की अडानी की कंपनियों की जांच होनी चाहिए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा सरकार की अडानी के पक्ष में क्रोनी कैपिटलिज्म नीति के कारण देश का नुकसान हो रहा है। गहरे आर्थिक संकट के समय भाजपा की मोदी सरकार देश के महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को अडानी समूह को बेच रही है और एसबीआई व एलआईसी जैसी सार्वजनिक संस्थाओं को अडानी समूह में निवेश करने को मजबूर कर रही है, जिससे गरीब और मध्यम वर्ग के भारतीयों की करोड़ो की बचत जोखिम में है, जिसके खिलाफ देशभर में कांग्रेस पार्टी द्वारा चरणबध्द आंदोलन चलाया जा रहा है।

सभा को राष्ट्रीय सचिव चंदन यादव, मंत्री टी.एस. सिंहदेव, पूर्व अध्यक्ष धनेन्द्र साहू, अमितेष शुक्ला, राजेंद्र तिवारी एवं जिलाध्यक्ष गणों ने भी संबोधित किया।
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