Home छत्तीसगढ़ कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों के बजट में हुई बढ़ोत्तरी

कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों के बजट में हुई बढ़ोत्तरी

by Surendra Tripathi

26 लाख से अधिक किसानों को 6,800 करोड़ की मिलेगी आदान सहायता

स्वावलंबी गौठानों समिति के अध्यक्ष-सदस्यों को मिलेगा मानदेय

छुईखदान की पान खेती को मिलेगी नयी पहचान

रायपुर .

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा राज्य सरकार के बजट में राज्य की सबसे बड़ी आबादी किसानों और उनसे जुड़े कृषि और अन्य क्षेत्रों को अधिक मजबूत करने के ठोस कदम उठाये गए हैं। खाद-बीज की गुणवत्ता नियंत्रण के लिए विशेष पहल की गई है। किसानों को देश-दुनिया में कृषि के क्षेत्र में किए जा रहे नवाचार से परिचित होने के लिए भी पहल की गई है। साथ ही राज्य में स्वावलंबी गौठानों को प्रोत्साहित करने के लिए तथा पशुधन की सुरक्षा के लिए विशेष प्रयास किये गये हैं।

मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार का 1 लाख 21 हजार 500 करोड़ का जो बजट प्रस्तुत किया। उसमें कृषि क्षेत्र को विशेष महत्व दिया गया है। बजट राशि की दृष्टि से कृषि विभाग को स्कूल शिक्षा तथा पंचायत ग्रामीण विभाग के बाद तीसरा महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। अकेले कृषि विभाग के लिए 10 हजार 70 करोड़ रूपये का प्रावधान है।

वर्ष 2023-24 के बजट में कृषि एवं संबंध क्षेत्रों के लिए 23 हजार 215 करोड़ रूपए का बजट का प्रावधान किया गया है। यह कुल बजट का 19.11 प्रतिशत है। इसमें पिछले चार वर्षों में लगातार कृषि क्षेत्र में राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत किसानों को आदान सहायता प्रदान करने के लिए 6 हजार 800 करोड़ की राशि का प्रावधान है, जिससे 26 लाख 41 हजार किसानों को सीधा फायदा पहुंचेगा।

राज्य में गुणवत्तायुक्त फसल उत्पाद की पैदावार हो इसके लिए आवश्यक है कि बीजों और उर्वरक की गुणवत्ता भी नियंत्रित हो, इसके लिए रायपुर में सीड लॉ इन्फोर्समेंट के लिए रायपुर में नवीन प्रयोगशाला की स्थापना की जा रही है। इसके अलावा राजनांदगांव और रायगढ़ जिले में नवीन उर्वरक गुण नियंत्रण प्रयोगशाला की स्थापना की जा रही है। साथ ही रायपुर के उर्वरक प्रयोगशाला को अतिरिक्त सेटअप से सुसज्जित किया जा रहा है। इससे हम उर्वरकों की गुणवत्ता नियंत्रित करने में अधिक मजबूती से काम कर सकेंगे।

बजट में प्रदेश में गन्ना उत्पादक को बढ़ावा देने के लिए गन्ना उत्पादक किसानों को प्रोत्साहन राशि प्रदान करने के लिए 60 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। वहीं जिला राजनांदगांव के ग्राम आलीवारा एवं सरगुजा जिला के ग्राम केवरा में किसान सुविधा केन्द्र की स्थापना की जाएगी, जिससे किसानों को आवश्यक सुविधा सलाह मिलेगी।

प्रदेश के गौठानों में 50 प्रतिशत गौठान स्वावलंबी हो चुके हैं। इन गौठान समिति के अध्यक्ष को 750 रूपये और सदस्य को 500 रूपये प्रोत्साहन राशि दी जाने की घोषणा की गई है। इससे अन्य गौठान स्वावलंबी होने के लिए प्रेरित होंगे। गोधन न्याय योजना के लिए 175 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। जिससे राज्य सरकार की महत्वपूर्ण योजना को गति मिलेगी।

पशुधन के उपचार देख-भाल के लिए राजधानी रायपुर के ग्राम दतरेंगा में राज्य पशु गृह एवं पशु-रूग्णावास की स्थापना की जा रही है, जिसके सेटअप और इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए दो करोड़ से अधिक राशि दी गई है। नये जिलों में पशु रोग के अनुसंधान हेतु 17 नवीन पशु रोग अनुसंधान प्रयोगशाला स्थापना की जा रही है।
उद्यानिकी किसान नवीन तकनीकों से परिचित हो, इसके लिए नवा रायपुर अटल नगर में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की जाएगी। जिसके लिए दो करोड़ से अधिक राशि का प्रावधान किया जा रहा है। हमारे किसान हाई टेक हो, इसके लिए गंड़ई में हाई टेक नर्सरी स्थापित की जाएगी। छुईखदान पारंपरिक रूप से पान की फसलों के लिए जाना जाता रहा है। इसे प्रोत्साहित करने के लिए और इसके पुनरूद्धार के लिए पान अनुसंधान स्थापना और और इसके लिए दो करोड़ रूपए से बजट देने की गई है।

हमारा प्रदेश मछली पालन के क्षेत्र में देश में एक नयी पहचान के रूप में जाना जा रहा है। इस पहचान को अग्रिम बनाने के लिए दुर्ग जिले के ग्राम किकिरमेटा, जिला सुकमा के ग्राम दुब्बाटोटा और बालोद में 03नवीन मत्स्य प्रक्षेत्र एवं हेचरी की स्थापना की जा रही है।

सिंचाई योजनाओं के लिए वर्ष 2023-24 के बजट में वृहद सिंचाई योजना के 218, मध्यम सिंचाई योजना के 75, लघु सिंचाई योजना के 840, एनीकट-स्टॉप डैम के 598 तथा बाढ़ नियंत्रण संबंधी 256 नवीन कार्यों के लिए प्रावधान किया गया है।

Share with your Friends

Related Posts