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रायपुर- छत्तीसगढ़ के विभिन्न जेलों में योग, ध्यान, नैतिक शिक्षा और श्रीमद्भगवत गीता के माध्यम से कैदियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश की जा रही है। इसी क्रम में प्रशिक्षक आदेश सोनी के द्वारा रायपुर के केंद्रीय जेल में कैदियों के जीवन में हुए पूर्व घटनाक्रमों को जोड़कर एक नया रूप ’कल गीता-कलयुग में गीता’ का प्रशिक्षण दिया गया।सोनी ने 12 दिनों तक चले इस प्रशिक्षण में गीता, शिक्षा और कलयुग का एक त्रिकोण बनाकर आसान शब्दों में कैदियों को श्रीमद्भगवत गीता के संदेश को समझाया। उन्होंने बताया कि पूरे ब्रह्मांड में केवल तीन ही प्रजातियां पाई जाती हैं- पेड़-पौधे, जीव-जंतु और मनुष्य।