भिलाई –कान्यकुब्ज सामाजिक चेतना मंच, सेक्टर -1, भिलाई-दुर्ग के मानव आश्रम सभागार में 11 सितम्बर, 2022 को अपराह्न 3.30 बजे से मानस मर्मज्ञ, साहित्य मनीषी डॉ. बलदेव प्रसाद मिश्र की 124 वीं जयंती समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता वरिष्ठ पत्रकार एवं प्रख्यात साहित्यकार श्री गिरीश पंकज जी को *साकेत संत सम्मान* प्रदान किया गया।
इस अवसर पर पंडित गिरीश पंकज जी ने अपने वक्तव्य में कहा कि साहित्य के स्तर में क्रमशः गिरावट आ रही है, इस पर पाश्चात्य संस्कृति का प्रभाव हैं, यह चिंता का विषय है, ऐसे समय में डा. बलदेव प्रसाद मिश्र जी का साहित्य पढ़ना- पढ़ाना और भी आवश्यक है। उन्होंने डॉ मिश्र के लेखन और राम चरित मानस पर रिसर्च की सराहना करते हुए कहा कि ऐसा लेखन और चिन्तन अनूठा है।
डोंगरगांव से आए श्री सुरेन्द्र दुबे जी ने डाॅ मिश्र के कृतित्व पर प्रकाश डाला और मानस मर्मज्ञ के लेखन को अद्वितीय बताया। राजनांदगांव से आए प्रोफेसर श्री आर पी दीक्षित ने डा. मिश्र के निजी जीवन के अनुभव साझा किए, डा.बलदेव प्रसाद मिश्र व्यक्तित्व एवं कृतित्व प्रचार-प्रसार समिति के अध्यक्ष पं.बी एम के बाजपेई ने बताया कि राम चरित मानस पर शोध करने वाले देश विदेश के अनेकों विद्यार्थियों को डा.मिश्र की साहित्यिक कृतियों की आवश्यकता है। अतः डा. मिश्र पर एक शोध पीठ आज समय की मांग है। डा. मिश्र तथा मां सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्वलन और माल्यार्पण से शुरू हुए इस साहित्यिक गोष्ठी पर स्वागत भाषण कान्यकुब्ज सामाजिक चेतना मंच के अध्यक्ष पंडित उमा कांत दीक्षित ने तथा आधार वक्तव्य असिस्टेंट प्रोफेसर श्रीमती अराधना तिवारी ने दिया।
गोष्ठी का संचालन अतुल अवस्थी ने तथा आभार प्रदर्शन राकेश शुक्ला ने व्यक्त किया।
इस अवसर पर सरयूपारी ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष पंडित प्रभुनाथ मिश्रा, महासचिव पंडित राम लखन मिश्रा, वरिष्ठ नागरिक मंच के अध्यक्ष डी पी राय, महासचिव पवन द्वीवेदी, दुर्ग विश्वविद्यालय के पूर्व उपकुलपति डा. एन. पी. दीक्षित, साहित्यकार डा. सेवाराम पांडेय, राजनांदगांव से पंडित प्रदीप कुमार मिश्र तथा समस्त कार्यकारिणी और बड़ी संख्या में दुर्ग भिलाई के अनेकों सामाजिक सदस्य उपस्थित रहे।
मानव आश्रम में डॉ. बलदेव प्रसाद मिश्र की 124 वीं जयंती पर साहित्यिक गोष्ठी का आयोजन
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