रायपुर-
रायपुर शहर को मोतियाबिंद मुक्त बनाने के उद्देश्य से मोतियाबिंद मुक्त अभियान शुरू किया गया है। इस अभियान का उद्देश्य लोगों को मोतियाबिंद के खतरे से बचाना और समय पर नेत्र जांच कर मोतियाबिंद के इलाज को सुनिश्चित करना है। इसमें शहरी स्वास्थ्य कार्यक्रम (एसएसके) की एएनएम द्वारा सर्वे किया जा रहा है।
अभियान की नोडल अधिकारी डॉ. निधि अत्रीवाल ने बताया कि इस अभियान में रायपुर शहर के प्रत्येक वार्ड में मोतियाबिंद सर्वेक्षण कर शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ऑपरेशन के लिए चिन्हांकित किया जाएगा। मोतियाबिंद ऑपरेशन के लिए चिन्हांकित मरीजों को लाने और ले जाने की निःशुल्क वाहन सुविधा प्रदान की जाएगी। मोतियाबिंद ऑपरेशन लेंस प्रत्यारोपण पद्धति द्वारा अत्याधुनिक मशीनों एवं विशेषज्ञ चिकित्सकों के द्वारा निशुल्क में किया जाएगा। जिला स्वास्थ्य समिति जिला रायपुर इस संबंध में आम जनता से अपील भी करती है कि जिस घर में 40 वर्ष से ऊपर के व्यक्ति जिसको कम दिखाई देता है वह अपना चेकअप सर्वे के दौरान जरूर करवाएं एवं नेत्र जांच एवं उपचार करवाएं।
रायपुर शहर को मोतियाबिंद मुक्त अभियान 5 जुलाई से 25 जुलाई तक चलेगा। प्रतिदिन एएनएम द्वारा सर्वे की जानकारी नेत्र सहायक अधिकारी को देगी जो मॉनिटरिंग एवं सत्यापन करेंगे। मोतियाबिंद आंखों का एक सामान्य रोग है। प्रायः 55 वर्ष की आयु से अधिक के लोगों में मोतियाबिंद होता है, किन्तु युवा लोग भी इससे प्रतिरक्षित नहीं हैं। मोतियाबिंद विश्व भर में अंधत्व के मुख्य कारण हैं। इसका लक्षण दृष्टि में धुंधलापन या अस्पष्टता बुजुर्गों में निकट दृष्टि दोष में निरंतर बढ़ोतरी रंगों को देखने की क्षमता में बदलाव क्योंकि लेंस एक फ़िल्टर की तरह काम करता है; रात में ड्राइविंग में दिक्कत आना जैसे सामने से आती गाड़ी की हैडलाइट से आँखें चौंधियाना या दिन के समय आँखें चौंधियाना, दोहरी दृष्टि (डबल विज़न), चश्मे के नंबर में अचानक बदलाव आना और दोनों आँखों के पावर में असंतुलन के चलते सर दर्द रहना है।