रायपुर.
दिल शरीर का सबसे महत्वपूर्ण और नाजुक अंग है। सेहतमंद जिंदगी के लिए इसकी सावधानी से देखभाल जरूरी है। हृदय रोगों की पहचान और समय पर इसके निदान को लेकर खुद जागरूक रहना तथा दूसरों को भी जागरूक करना बहुत जरूरी है। नियमित व्यायाम और योग के माध्यम से तनावमुक्त होकर दिल का ख्याल रखा जा सकता है। दिल का जतन अच्छी सेहत के लिए आवश्यक है क्योंकि जान है तो जहान है।
गैर संचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. महेंद्र सिंह ने बताया कि दिल की बीमारी किसी भी उम्र में किसी को भी हो सकती है, इसके लिए कोई उम्र सीमा नहीं है। ज्यादातर ह्रदय रोग का प्रमुख कारण तनाव होता है। मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी बीमारी भी हृदय रोगों को जन्म देती है। आज की भाग-दौड़ भरी जिन्दगी, अनियमित और असंतुलित खान-पान व जीवन शैली के कारण हृदय रोग की संभावना बढ़ गई है। इसके बावजूद लोग इस बीमारी के जोखिमों को नजरअंदाज कर देते हैं।
डॉ. महेंद्र सिंह ने बताया कि स्वस्थ हृदय के लिए हमें सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ दिनचर्या की शुरूआत करना चाहिए। जहां तक संभव हो मानसिक तनाव से दूर रहना चाहिए। नियमित रूप से संतुलित भोजन, व्यायाम और योग को अपनी जीवन शैली में शामिल कर हम ह्रदय रोग की संभावनाओं को कम कर सकते हैं। भोजन में नमक और वसा की मात्रा कम रखना चाहिए। आहार में ताजे फल और सब्जियों को प्रमुख रूप से शामिल करना चाहिए। उन्होंने बताया की 30 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को समय-समय पर अपने रक्तचाप व मधुमेह की जांच अवश्य करानी चाहिए। रक्तचाप की जांच से हृदयाघात (Heart-Attack) के खतरे को समय रहते कम किया जा सकता है। अपने निकटतम शासकीय स्वास्थ्य केन्द्र में जाकर रक्तचाप की निःशुल्क जांच करवाई जा सकती है। तम्बाकू व तम्बाकूयुक्त पदार्थ हृदय रोगों के साथ ही कई प्रकार की बीमारियों का कारक होती हैं। इसका सेवन नहीं करना चाहिए। स्वस्थ शरीर और स्वस्थ दिल के लिए रोज भरपूर नींद भी जरूरी है।