प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सिख गुरु तेग बहादुर के 400वें प्रकाश पर्व के अवसर पर लाल किला पहुंचे। उनके साथ केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी भी हैं। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने एक विशेष सिक्का और डाक टिकट भी जारी किया।
आज की भावना को शब्दों में बता पाना मुश्किल है। आज हमारा देश हमारे गुरुओं के आदर्शों पर चल रहा है। आप सभी देशवासियों को प्रकाश पर्व की हार्दिक बधाई देता हूं। इस लाल किले ने गुरु तेग बहादुर की शहादत को देखा है। लाल किले पर हो रहा ये आयोजन बहुत विशेष हो गया है।
आज हम यहां स्वाधीनता सेनानियों के बलिदान की वजह से हैं। हिंदुस्तान दुनिया को परोपकार का संदेश देने वाला देश है। ये भूमि सिर्फ एक देश नहीं है। इसे हमारे ऋषि-मुनियों ने सींचा है। सैकड़ों वर्षों की गुलामी से आजादी और भारत की आध्यात्मिकता को अलग करके नहीं देखा जा सकता है।
उस समय देश में मजहबी कट्टरता की आंधी आई थी। हिंसा की पराकाष्ठा कर दी। उस समय भारत को अपनी पहचान बचाने के लिए गुरु तेगबहादुर जी सामने आए। आततायी औरंगजेब के सामने हिंद की चादर बन गए और चट्टान बनकर खड़े हो गए। संस्कृति की रक्षा के लिए गुरु तेगबहादुर ने बलिदान दिया था। औरंगजेब ने भले ही कई सिर को धड़ से अलग किया, लेकिन हमारी आस्था को हमसे अलग नहीं कर सका। बड़ी-बड़ी सत्ता मिट गई, लेकिन भारत आज भी अमर खड़ा है। भारत आगे बढ़ रहा है। आज एक बार फिर दुनिया भारत की तरफ देख रही है। मानवता के मार्ग पर पथ-प्रदर्शन की उम्मीद कर रही है। गुरुनानक जी ने पूरे देश को एक सूत्र में पिरोया। मैं अपनी सरकार का सौभाग्य मानता हूं कि उसे गुरुओं की सेवा का इतना मौका मिल रहा है।