सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र ने अपनी उत्पादकता बढ़ाने हेतु लौह अयस्क के गुणात्मक संवर्धन हेतु प्रयास तेज कर दिये है। इस प्रयास के तहत दल्ली यंत्रीकृत खदान में सिलिका रिडक्शन यूनिट लगाने की परियोजना का शुभारंभ किया गया।
इसके तहत सोमवार दिनांक 21 फरवरी 2022 को दल्ली यंत्रीकृत खदान में सिलिका रिडक्शन यूनिट के निर्माण के लिए भूमि पूजन, भिलाई इस्पात संयंत्र के निदेशक प्रभारी अनिर्बान दासगुप्ता द्वारा किया गया। यह यूनिट दल्ली खदान से उत्खनित लौह अयस्क में सिलिका की मात्रा कम करने के साथ ही हितकसा में जानेवाली स्लरी को रोकने में सक्षम होगी। इस परियोजना को पूर्ण करने में भिलाई इस्पात संयंत्र को करीब रु.129 करोड़ की लागत आने का अनुमान है। इसका निर्माण मेसर्स बी.एस.बी.के. कंपनी द्वारा किया जा रहा है। इस अवसर पर अनिर्बान दासगुप्ता ने कहा की यह एक नई पहल है जिससे भिलाई इस्पात संयंत्र को मिलने वाले लौह अयस्क की गुणवत्ता में वृद्धि होगी ही साथ में पर्यावरण के लिए भी यह यूनिट लाभदायक साबित होगी तथा प्रदेश में विकास के और नए अवसर भी खुलेंगे। साथ ही उन्होंने इस परियोजना के नवम्बर 2022 से पहले पूर्ण होने का उम्मीद जताई है।
इस अवसर पर कार्यपालक निदेशक (खदान एवं रावघाट) मानस बिस्वास, कार्यपालक निदेशक (परियोजना) ए के भट्टा, मुख्य महाप्रबंधक (सी.ई.टी.) अनुराग उपाध्याय, मुख्य महाप्रबंधक प्रभारी (खदान एवं रावघाट) तपन सूत्रधार, मुख्य महाप्रबंधक (रावघाट) समीर स्वरुप, लौह अयस्क समूह के सभी विभाग के उच्च अधिकारी, कर्मचारी और यूनियन प्रतिनिधी मौजूद थे।