Home देश-दुनिया आईआईएमसी के सत्रारंभ समारोह में बोले केरल के राज्यपाल मीडिया के लिए जरूरी है ‘तथ्य’ और ‘सत्य’

आईआईएमसी के सत्रारंभ समारोह में बोले केरल के राज्यपाल मीडिया के लिए जरूरी है ‘तथ्य’ और ‘सत्य’

by Surendra Tripathi

नई दिल्ली- ”समाज को सूचना देना, सामाजिक सौहार्द बनाए रखना और लोगों के कल्याण के लिए कार्य करना प्रत्येक पत्रकार का धर्म है। पत्रकारिता के क्षेत्र में लंबे समय तक बने रहने के लिए धैर्य, परिश्रम और प्रतिभा के साथ-साथ ‘तथ्य’ और ‘सत्य’ का होना बहुत जरूरी है।” यह विचार केरल के राज्यपाल श्री आरिफ मोहम्मद खान ने मंगलवार को भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) के सत्रारंभ समारोह 2021 के दूसरे दिन व्यक्त किये। इस अवसर पर आईआईएमसी के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी, अपर महानिदेशक श्री आशीष गोयल, सत्रारंभ कार्यक्रम के संयोजक एवं डीन (अकादमिक) प्रो. गोविंद सिंह सहित आईआईएमसी के सभी केंद्रों के संकाय सदस्य एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।

श्री आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि मीडिया की आजादी लोकतंत्र का महत्वपूर्ण आयाम है। इसे संभालकर रखना है, लेकिन यह आजादी जिम्मेदारी के साथ आती है। इसलिए हम सभी को जिम्मेदार भी होना है। किसी भी जिम्मेदारी को निभाने के लिए आदर्श आचार और व्यवहार संहिता ही धर्म है। बदलते परिवेश में पत्रकारों के सामने कई चुनौतियां हैं। इसलिए पत्रकारों को स्थापित मूल्यों को ध्यान में रखकर निर्भीक तरीके से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना चाहिए।

राज्यपाल के अनुसार ऐसे समाचार या विचार, जो समाज में नफरत और निराशा फैला सकते हैं, उन्हें प्रकाशित करने से बचना चाहिए।मीडिया के विद्यार्थियों को नकारात्मक पत्रकारिता के जाल में फंसने की बजाय, स्वस्थ पत्रकारिता सीखनी चाहिए और समाज में जो कुछ अच्छा काम हो रहा है, उसकी सूचना लोगों तक पहुंचानी चाहिए।

युवाओं के सामर्थ्य से होगा नए भारत का निर्माण : प्रो. संजय द्विवेदी

इससे पहले कार्यक्रम के प्रथम सत्र में ‘युवा शक्ति और भारत’ विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए आईआईएमसी के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा कि आज देश के युवाओं के सामर्थ्य से नए भारत का निर्माण हो रहा है। एक ऐसा नया भारत, जिसमें युवाओं के लिए अवसर भी हैं और उड़ने के लिए पूरा आसमान भी है। युवा शक्ति को राष्ट्र शक्ति बनाने का व्यापक प्रयास आज देखने को मिल रहा है।

प्रो. द्विवेदी ने कहा कि आज का भारत युवा शक्ति से भरपूर है। 26 हजार नए स्टार्टअप का खुलना दुनिया के किसी भी देश का सपना हो सकता है। ये सपना आज भारत में सच हुआ है। इसके पीछे भारत के नौजवानों की शक्ति है। आज देश का युवा नए-नए ऐप्स बना रहा है, ताकि खुद की जिंदगी भी आसान हो जाए और देशवासियों की भी मदद की जाए।

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