छत्तीसगढ़ में सियासी उठापटक के बीच कांग्रेस ने मुख्यमंत्री बघेल को उत्तर प्रदेश चुनाव के लिए वरिष्ठ पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। वहीं, दिल्ली में छत्तीसगढ़ कांग्रेस विधायकों के जुटने का सिलसिला जारी है। मंत्री टी एस सिंहदेव ने मुख्यमंत्री बदलाव का फैसला आलाकमान पर छोड़ रखा है ,ऐसे में सी एम बघेल को उत्तर प्रदेश चुनाव के लिए वरिष्ठ पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी के क्या मायने है क्या ये एक इशारा है बदलाव को लेकर |
सी एम बघेल व मंत्री टी एस सिंहदेव के अलग अलग बयानों से क्या पार्टी की छवि अच्छी हो रही है ? इन बयानों का जनता पर क्या असर पड़ रहा है क्या पार्टी इस विषय में सोच रही है ? जो भी हो आलाकमान को मुख्यमंत्री बदलाव के फैसले को लेकर अपना मत स्पस्ट कर मामले को और नहीं उलझाना चाहिए क्यों की इसका सीधा असर छत्तीसगढ़ के विकास पर पड़ सकता है |
कांग्रेस विधायकों को दिल्ली दरबार में हाजरी लगाना और विकास के मामले में छेत्र का दौरा न कर मुख्यमंत्री बदलाव ही सबसे बड़ा काम दिखने लगा है , क्या जनता इसलिये ये सरकार चुनी है ? यह मामला कांग्रेस के लिए आने वाले चुनाव में कही उल्टा न पड़ जाये ,आलाकमान को मुख्यमंत्री बदलाव के फैसले को लेकर अपना मत स्पस्ट कर मामले को और तूल नहीं देना चाहिए |
छत्तीसगढ़- मुख्यमंत्री बदलाव के फैसले में टालमटोल से पार्टी की किरकिरी ?
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