महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया ने कहा है कि सुपोषण की स्थिति में छत्तीसगढ़ पूरे देश में कई मापदंड़ों में आगे हैं। कमजोर मापदंड़ों को सुधार ले तो निश्चित रूप से हमारा प्रदेश पूरे देश में अव्वल हो जाएगा। मैदानी अधिकारी पंचायती राज संस्थाओं, जनप्रतिनिधियों के सहयोग से अपने क्षेत्रों में नियमित ग्राम सभा का आयोजन कर लोगों को पोषण से जोड़े। यह सुपोषित छत्तीसगढ़ के लक्ष्य को आसान बनाएगा। छत्तीसगढ़ में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध स्थानीय पोषक आहार का उपयोग आंगनबाड़ियों में बच्चों और महिलाओं से कुपोषण दूर करने में महत्वूपर्ण भूमिका निभा रहा है। वह राष्ट्रीय पोषण माह के अवसर पर आज 13 सितम्बर को रायपुर के सिविल लाईन स्थित न्यू सर्किट हाउस में ‘सुपोषित छत्तीसगढ़-परिदृश्य एवं चुनौतिया‘ विषय पर आयोजित राज्य स्तरीय संगोष्ठी को संबोधित कर रही थीं।उन्होंने कहा कि राज्य सरकार छत्तीसगढ़ से कुपोषण मुक्ति के लिए संकल्पित है और निरंतर प्रयास कर रही है। इसके लिए सुदूर पहुंच विहीन क्षेत्रों तक आंगनबाड़ी सहिकाओं और कार्यकर्ताओं की मदद से सूखा राशन, गरम भोजन और रेडी-टू-ईट हितग्राहियों तक पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने कोरोना काल में जनजागरूकता और घर-घर जाकर पोषण आहार वितरण के लिए मैदानी अमले को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि संभावित तीसरी लहर लोगों और बच्चों तक न पहुंचे इसके लिए टीकाकरण के लिए लोगों को जागरूक करें। श्रीमती भेंड़िया में कहा कि संगोष्ठी में कई संस्थाओं से जुड़े बुद्धिजीवियों के अनुभव, सुझाव और विचारों का लाभ लेकर विभाग छत्तीसगढ़ को सुपोषित बनाने के लिए बेहतर कार्ययोजना बना सकेगा, जो निश्चित ही महिलाओं और बच्चों के लिए वरदान साबित होगा।
इस अवसर पर श्रीमती भेंड़िया ने जिला कार्यक्रम अधिकारी जशपुर, सूरजपुर और बिलासपुर को पोषण ट्रेकर एप में उल्लेखनीय उपलब्धियों के लिए प्रशस्ती पत्र और मेडल से सम्मानित किया। उन्होंने उत्कृष्ठ पोषण वाटिका के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी पुरस्कृत किया। साथ ही विभाग के स्वेच्छिक संगठनों यूनिसेफ, वर्ल्ड विजन इंडिया, न्यूट्रिशन इन्टरनेशनल, एविडेन्स एक्शन, सेन्टर फॉर लार्निंग रिसोर्सेस छत्तीसगढ़, द अन्तरा फाउंडेशन के प्रतिनिधियों को भी सम्मानित किया गया। साथ ही उन्होंने पोषण प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया, जिसमें स्थानीय पौष्टिक आहार और भाजियों की विविधता दिखाई दी।
यूनिसेफ के राज्य प्रमुख श्री जॉब जकारिया ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का पोषण पर नेतृत्व, कुपोषण मुक्ति के लिए राज्य में विशेष रूप से शुरू मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान, डीएमएफ से सुपोषण के लिए अतिरिक्त राशि का प्रावधान और छत्तीसगढ़ के पोषण आहार में विविधता ये प्रमुख चार आधार हैं, जिनके कारण छत्तीसगढ़ से एनीमिया और कुपोषण दूर हो सकता है।