दुर्ग भिलाई / वैश्विक महामारी कोरोनाकाल में 2 नो लहरों में स्वास्थ्य विभाग ने लगातार संविदा भर्ती में स्वास्थ्य कर्मियों की भर्ती की थी जिन्होंने लगातार अपनी जान जोखिम में डालकर कोरोना संक्रमितों का इलाज किया जिसमें कई स्वास्थ्य कर्मियों को अपनी जान से हाथ तक धोना पड़ा परन्तु इसके विपरीत स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्वास्थ्य कर्मियों को संक्रमितों के संख्या में कमी आते ही नौकरी से निकाल दिया गया अपने नियमितीकरण की मांगों को लेकर स्वास्थ्यकर्मी 6 दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे हुए है।
करोना काल में संविदा में नियुक्त स्वास्थ्य कर्मियों ने अपनी जान की परवाह किए बगैर लगातार सेवाएं करते रहे ,करोना कि दूसरे लहर में और पहली लहर में लगभग 800 डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों ने पूरे भारतवर्ष अपनी जान गवा दी थी । जहां करोना के दूसरे लहर में दुर्ग जिला पूरे भारत में संक्रमण के मामले में दूसरे नंबर पर था । दुर्ग में स्वास्थ्य कर्मियों की कमी को देखते हुए संविदा के माध्यम से इन्हें नियुक्ति दिया गया था ।दुर्ग जिला इन्हीं स्वास्थ्य कर्मियों की सेवाओं के बदौलत करोना कि दूसरे लहर से निपटने में सफल हुआ है । जैसे ही कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप कम हुआ स्वास्थ्य विभाग ने संविदा में नियुक्त स्वास्थ्य कर्मियों की सेवा समाप्ति की घोषणा कर दी ।
स्वास्थ्य कर्मियों के जीवन यापन की समस्या उत्पन्न हो गई
करोना वैरीयस स्वास्थ्य कर्मियों ने अपनी समस्याओं से स्वास्थ्य विभाग को अवगत कराया परंतु स्वास्थ्य विभाग इनके प्रति अपनी कोई जिम्मेदारी उठाने से इनकार करता रहा ।अपनी मांगों की अवहेलना को देखते हुए अपनी नियुक्ति को नियमितीकरण करने की मांग को लेकर 6 दिवस की भूख हड़ताल पर बैठ है ।