भिलाई/ किन्नरों का गैंग लंबी दूरी की ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों से आतंक फैलाकर अवैध उगाती कर रहा है। किन्नरों का मुंह मांगी रकम की वसूली के लिए यात्रियों के साथ मारपीट करने से भी बाज नहीं आ रहा है। आरपीएफ व जीआरपी के जवान किन्नरों के करतूतों को जानने के बावजूद भी कार्रवाई को लेकर कोई जहमत नहीं उठा रहे हैं।
दुर्ग-रायपुर से होकर जाने वाली लम्बी दूरी की ट्रेनों में किन्नर द्वारा जमकर अवैध वसूली की जा रही है। ट्रेनों में किन्नर यात्रियों से जबरन उगाही करते हैं। पैसे न देने पर किन्नर यात्रियों के साथ बदसलूकी करते हैं। इतना ही नहीं मारपीट भी करने लगते हैं। परिवार सहित सफर कर रहे पुरूषों को पत्नी सहित बहन बेटियों के सामने किन्नरों का गैंग अश्लील हरकत से प्रताडि़त करते हुए मुंह मांगी रकम देने के लिए मजबूर करता है।
दरअसल दुर्ग रायपुर होकर अनेक ट्रेनें हर रोज गुजरती हैं। इन ट्रेनों में बड़ी तादाद में किन्नर उगाती करते हैं। किन्नरों का समूह लंबी दूरी की जनरल बोगियों को खासकर निशाना बनाकर उगाही कर रहा है। जनरल बोगियों में आम आदमी सफर करता है। ऐसे यात्री अपने गांव या शहर से काफी दूर होने की वजह से किन्नरों के खिलाफ आवाज नहीं उठा पाते। इसका फायदा किन्नरों का गैंग उठाने से बाज नहीं आ रहा है। खासकर लम्बी दूरी की गुजरात, ओडिशा, आन्ध्रप्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल की ओर से आने जाने वाली गाडिय़ों में किन्नर वसूली का धंधा करते हैं। जिसमें किन्नर मुंह मांगे रुपए एक,दो सौ, पांच सौ तक की यात्रियों से वसूलते हैं। जब कोई यात्री इन्हें पैसा देने में आनाकानी करता है तो किन्नर कोच में यात्री के साथ बदसलूकी करते हैं। इतना ही नहीं मुंह मांगा पैसा न मिलने पर किन्नर कोच में सफर कर रहे यात्रियों के साथ मारपीट भी कर देते हैं। गंदी गंदी गालियां देते हैं।
बता दें कि किन्नरों की इस अवैध वसूली की जानकारी सभी जीआरपी थाना और आरपीएफ पोस्ट को भी होती है। इसके अलावा ट्रेनों में सुरक्षा के लिहाज से चलने वाले जीआरपी और आरपीएफ के स्क्वायड और टीटीई को भी होती है। लेकिन कोई भी इन किन्नरों के खिलाफ कार्रवाई की जहमत नहीं उठाता। यात्री इस लिहाज से मुंह नहीं खोलता कि वो खुद अपनों से दूर है और ये किन्नर उसके साथ बेवजह मारपीट और बेइज्जत करेंगे। सुरक्षा बलों के जवान भी यात्री को ही परेशान करेंगे। ये किन्नर गैंग बनाकर ट्रेनों में चलते हैं।
नकली किन्नर होने की आशंका से इंकार नहीं
ट्रेनों में आतंक पैदा कर यात्रियों से मोटी रकम वसूल करने वाले नकली किन्नर हो सकतें है। वसूली के लिए जिस तरीके से यात्रियों के साथ अश्लील गाली गलौच और मारपीट की जा रही है, उससे इस आशंका से इंकार नहीं किया जा रहा है। असली किन्नर यात्रियों से गाली -गलौच या मारपीट नहीं करते और दस बीस रुपये मिलने पर भी खुशी-खुशी लेकर चले जाते हैं। आतंक फैलाकर मोटी रकम की उगाही करने वाले किन्नरों के दाढ़ी बढ़े होने से भी उनके नकली होने की संभावना बनी हुई है।
*ट्रेनों के जनरल बोगियों में किन्नरों का बढता जा रहा है आतंक*
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