रायपुर : हौसला हो तो हर मुश्किल छोटी पड़ जाती है, इसी हिम्मत के साथ कांकेर जिले के ग्राम पंचायत सरोना निवासी श्रीमती चिन्तामणी रामटेके अब दूसरों के चेहरे संवारने के साथ खुद की जिन्दगी भी संवार रही हैं। कुछ समय पहले तक वह जीवन से निराश जिंदगी जी रही थी। उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण उन्हें अपने तथा बच्चों के पालन पोषण करने में कठिनाईयों का सामना करना पड़ता था। उनके पास आय का कोई जरिया भी नहीं था। इस बीच चिन्तामणी को उनके गांव की पर्यवेक्षक और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने छत्तीसगढ़ महिला कोष के बारे में जानकारी दी और उन्हें खुद के पैरों पर खड़े होने के लिए प्रोत्साहित किया।
श्रीमती रामटेके ने गांव में ही स्व-सहायता समूह के माध्यम से ऋण लेने के लिए आवेदन दिया। उनके आवेदन पर विचार करते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा महिला कोष के माध्यम से 25 हजार का ऋण स्वीकृत किया। चिन्तामणी ने स्वीकृत ऋण के पैसों से स्वयं का ब्यूटी पार्लर शुरू किया। क्षेत्र में अन्य कोई भी ब्यूटी पार्लर नही होने से उसका पार्लर बहुत अच्छा चलने लगा और चिन्तामणी को आमदनी का स्थायी जरिया मिल गया। अब वह अपने बच्चों का पालन पोषण अच्छी तरह करने के साथ बेहतर शिक्षा दे पा रही हैं। चिन्तामणी ने महिला कोष से मिला ऋण भी समय पर वापस कर दिया है। आज चिन्तामणी एक सफल महिला के रूप में स्थापित हो गई हैं तथा ग्राम की अन्य महिलाओं को भी आगे बढ़ने के लिये प्रेरित कर रही हैं। वे स्व-सहायता समूह के महिलाओं के साथ जनपद क्षेत्र की महिलाओं को सरकार द्वारा दी जाने वाली योजनाओं का लाभ लेने के लिए प्रेरित कर रही हैं।
चेहरे संवारते-संवारते संवरी खुद की जिन्दगी : महिला कोष की ऋण योजना से महिलाओं को मिल रहा सहारा
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