दंतेवाड़ा के इस गांव में पहले नक्सली फहराते थे काला झंडा,
छत्तीसगढ़ के दंतावाड़ा के इंद्रावती नदी के पास माओवाद प्रभावित क्षेत्र के पहुनहार गांव में लोगों इस साल गणतंत्र दिवस के मौके पर तिरंग फहराया। इससे पहले ऐसे मौकों पर ग्रामीण काला झंडा फहराते थे। आपको बता दें कि इंद्रावती नदी के पार का पूरा इलाका माओवादियों का केंद्र है। दंतेवाड़ा के इस हिस्से में रहने वाले लोग सरकार की योजनाओं से वंचित रह गए हैं। जब विकास की पहल की तो गांव के सरपंच को अपनी जान गंवानी पड़ी।
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए, दंतेवाड़ा के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अभिषेक पल्लव ने कहा, “माओवादियों ने हमेशा इस गांव में गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर ग्रामीणों की उपस्थिति में काले झंडे फहराए हैं। इस साल ऐसा नहीं हुआ।”
प्रशासन ने सरपंच के बेटे केशव कश्यप द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराने का निर्णय लिया। गांव देशभक्ति गीतों से गूंज उठा और एसपी ने बच्चों के बीच पढ़ाई का सामग्री और ग्रामीणों के बीच जरूरों सामानों का वितरण किया।
दंतेवाड़ा जिले के लोग हमेशा माओवादी संगठनों के दबाव में पुलिस शिविरों, सड़क और पुल निर्माण के विरोध में रैलियां निकालते देखे गए हैं। इस साल ग्रामीणों ने 2-3 किमी लंबी रैली आयोजित की। यह पहली बार था जब नक्सल इलाके में इस तरह की रैली हुई है।एसपी ने कहा, “यह दंतेवाड़ा का बदलता चेहरा है। इस गांव को शहर और अधिक विकसित क्षेत्रों से जोड़ने के लिए एक पुल का निर्माण किया जा रहा है। लोग इन परिवर्तनों के बारे में खुश हैं।”