यूरिक एसिड के बढ़ने का क्या है मतलब और किन लक्षणों से होती है पहचान, जानें कंट्रोल करने के तरीके
joint pain
ठंड में कई लोगों के साथ अक्सर ऐसा होता है कि उन्हें टॉयलेट तो लगता है लेकिन जब वो वाशरूम जाते हैं, तो उन्हें मूत्र करने में परेशानी होती है। जिसकी वजह से उनके पेट के निचले हिस्से में दर्द और सूजन भी हो जाती है। इसका एक कारण यह भी होता है कि शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है। आइए, सबसे पहले जानते हैं कि क्या होता है यूरिक एसिड-
क्या होता यूरिक एसिड
यूरिक एसिड शरीर के सेल्स और हमारे आहार से बनता है। शरीर में यूरिक एसिड हमेशा होता है, यह यूरिन के जरिए शरीर से निकलता है। आमतौर पर किडनी यूरिक एसिड को फिल्टर कर देती है और यह टॉयलेट के जरिए शरीर से बाहर निकल जाता है। लेकिन जब शरीर में यूरिक एसिड ज्यादा बनने लगता है या किडनी फिल्टर नहीं कर पाती तो खून में यूरिक एसिड का लेवल बढ़ जाता है। जो हड्डियों के बीच में जमा हो कर दर्द पैदा करता है। यूरिक एसिड के बढ़ने को Hyperuricemia भी कहा जाता है। इससे Gout नाम की बीमारी लग सकती है जिससे जोड़ों में दर्द उठता है। यह आपके खून और यूरिन को काफी एसिडिक भी बना सकता है।
यूरिक एसिड बढ़ने के कारण
-जेनेटिक्स
-गलत डाइट या खान-पान
-रेड मीट, सी फूड, दाल, राजमा, पनीर और चावल जैसे खाने से भी यह बढ़ सकता है।
-अधिक समय तक खली पेट रहना भी एक कारण हो सकता है।
-डायबिटीज के मरीजों को हो सकता है यूरिक एसिड
-मोटापा
-स्ट्रेस
क्या है मुख्य लक्षण
-जोड़ों में दर्द होना। उठने-बैठने में परेशानी होना।
-उंगलियों में सूजन आ जाना
-जोड़ों में गांठ की शिकायत होना
-इसके अलावा पैरों और हाथों की उंगलियों में चुभन वाला दर्द होता है जो कई बार असहनीय हो जाता है। इसमें आदमी ज्यादा जल्दी थक भी जाता है। इसलिए इन -लक्षणों को नजरअंदाज ना करें।
-टॉयलेट करने में परेशानी या इसके तुंरत बाद पेट के आसपास दर्द, जलन।
यूरिक एसिड को कंट्रोल करने का तरीका
-यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए फिजिकली फिट रहें। इसके लिए एक्सरसाइज करें, योग करें या सैर पर जाएं।
-यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए शरीर में पानी की कमी न होने दें। खूब पानी पिएं।
-यूरिक एसिड को कंट्रोल करना है, तो अपने आहार पर खास ध्यान दें। प्यूरीन प्रोटीन युक्त भोजन को डाइट में शामिल न करें।
-अपने आहार में ज्यादा अंतराल न डालें। हर दो घंटे में कुछ हेल्दी खाते रहें।
-अपने डॉक्टर से बात करें और अपने शरीर की जरूरतों के मुताबिक उनसे सलाह लें।