रायपुर । छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बल में एक तबादले की अनोखी कथा ने तूल पकड़ लिया है। यह तबादला अफसर की चड्डी न धोने पर किया जाना चर्चित हो रहा है। राज्य के पुलिस प्रमुख ने मामले की जांच करने कहा है। मिली जानकारी के अनुसार 19वीं पोखरण वाहिनी छसबल करनपुर में धोबी के पद पर तैनात जवान को अपने अफसर की चड्डी धोने से इंकार करने पर तबादले का शिकार होना पड़ा। बटालियन के धोबी आरक्षक ने जब अंत:वस्त्र को सिविल कपड़े बताते हुए इसे धोने से इंकार कर दिया तो उसका तबादला बीजापुर कर दिया गया है। पुलिस प्रमुख डीएम अवस्थी ने बटालियन के कमाडेंट को पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट देने कहा है।ङ्कबटालियन में आरक्षक की नियुक्ति जवानों की ड्रेस धोने और प्रेस करने के लिए हुई है।विवाद की स्थिति उस समय पैदा हो गई, जब बटालियन के डिप्टी कमांडर ने आरक्षक को अपना अंडर गारमेंट धोने कह दिया। जब जवान ने कमांडर का हुक्म कहा नहीं सुना तो इस आरक्षक को बटालियन के डिप्टी कमाडेंट ने शो कॉज नोटिस जारी कर जवाब मांगा। इसके बाद आरक्षक की तरफ से जो जवाब दिया गया, वह सोशल मीडिया में वायरल हो गया। जवान ने जवाब में कहा है कि मेरी भर्ती वर्दी की धुलाई व प्रेस करने के लिए हुई थी। अंडर गारमेंट्स सिविल वस्त्र में आता है इसलिए उसे धोना मेरी ड्यूटी में शामिल है या नहीं, इसे स्पष्ट करें। बताया जा रहा है कि यह विवाद 14 जनवरी को शुरू हुआ था। 16 जनवरी को जवान के तबादले का आदेश निकाल दिया गया। सोशल मीडिया में पोखरण वाहिनी करनपुर के सहायक सेनानी जेम्स एक्का की ओर से जारी नोटिस और इसके जवाब में आरक्षक रामचरण निर्मलकर की ओर से दिए गए जवाब की कॉपी वायरल हो रही है। शनिवार की शाम किसी ने सोशल मीडिया में ही रामचरण के बीजापुर ट्रांसफर वाले आदेश की कॉपी भी वायरल कर दी।
अफसर की चड्डी नहीं धोने पर बटालियन के धोबी आरक्षक के तबादले ने पकड़ा तूल…
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