हाईअलर्ट पर अमेरिका :
अमेरिका में फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (FBI) ने सभी 50 राज्यों के पुलिस प्रमुखों को एक बुलेटिन जारी किया है। इसमें कहा गया है कि 20 जनवरी को प्रेसिडेंट इलेक्ट जो बाइडेन के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान बड़े पैमाने पर हिंसा का खतरा है। अमेरिका की सबसे बड़ी जांच एजेंसी ने बुलेटिन में कहा- 20 जनवरी के पहले और कुछ दिन बाद तक आप सभी हाईअलर्ट पर रहें। कट्टरपंथी हिंसा फैला सकते हैं। कुछ दिन पहले CNN ने जांच एजेंसी के सूत्रों के हवाले से इसी तरह के अलर्ट की रिपोर्ट दी थी। बाद में होमलैंड सिक्योरिटी डिपार्टमेंट ने इसकी पुष्टि से इनकार कर दिया था। अब FBI ने खुद बुलेटिन जारी करके बता दिया है कि खतरा कितना बड़ा है।
इंटेलिजेंस रिपोर्ट्स मिली
‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, FBI डायरेक्टर क्रिस्टोफर वेरी और होमलैंड सिक्योरिटी केनेथ कुसनेली ने बुधवार को एक लंबी मीटिंग की। इसके कुछ देर बाद दूसरी इंटेलिजेंस एजेंसीज के चीफ भी इन दोनों अफसरों से मिले। शाम को फिर एक मीटिंग हुई और इसके कुछ देर बाद FBI ने यह बुलेटिन जारी किया। सुरक्षा और जांच एजेंसियों के सामने सबसे बड़ा खतरा न्यूयॉर्क और वॉशिंगटन डीसी को लेकर है।
हिंसा की आशंका बढ़ती जा रही है
हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स ने बुधवार रात राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पर महाभियोग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। हालांकि, इसके बहुत मायने नहीं निकाले जाने चाहिए। इसकी वजह यह है कि हाउस में डेमोक्रेट्स का बहुमत है। लेकिन, महाभियोग का फैसला सीनेट में होगा। और वहां डेमोक्रेट्स बहुमत में हैं। डेमोक्रेट्स दो तिहाई बहुमत हासिल कर पाएंगे, इस पर गहरी आशंकाएं हैं।
लेकिन, इस कवायद से श्वेत कट्टरपंथी और ट्रम्प समर्थक बेहद नाराज हैं। इन्हीं लोगों ने पिछले हफ्ते गुरुवार को संसद के अंदर और बाहर हिंसा की थी। एक महिला और पुलिस अफसर समेत पांच लोगों की मौत हुई थी। यही गुट फिर हिंसा कर सकते हैं।
किन राज्यों में खतरा ज्यादा
FBI सूत्रों के हवाले से CNN ने खबर दी है कि खतरा उन राज्यों में बहुत ज्यादा है जहां रिपब्लिकन पार्टी की सरकारें और गर्वनर हैं। हालांकि, अमेरिका में राजनीतिक हिंसा की घटनाएं बेहद कम या कहें न के बराबर होती हैं। लेकिन, ऐसे कई मौके आए जब विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारी भिड़ गए। पिछले गुरुवार को भी यही हुआ था। इसके बाद से FBI ही इस मामले की जांच कर रही है। अब तक 33 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है।