Home छत्तीसगढ़ वैक्सीनेशन के बाद घर पर कोई प्रभाव लगने पर इमरजेंसी नंबर की रहेगी सुविधा,

वैक्सीनेशन के बाद घर पर कोई प्रभाव लगने पर इमरजेंसी नंबर की रहेगी सुविधा,

by admin

बेमेतरा :   कोविड-19 के लिए जिले में 3 स्थानों एक शहरी व दो ग्रामीण वैक्सीनेशन साइट पर आज कोविड वेक्सीन का मॉक ड्रिल किया गया। जिला मुख्यालय बेमेतरा में प्राथमिक शाला सिंघौरी, साजा ब्लॉक में पूर्वमाध्यमिक शाला कारेसरा और बेरला ब्लॉक के पूर्व माध्यमिक शाला भवन के वैक्सीनेशन साइट 20-20 हेल्थ वर्कर को ड्राइ रन में हितग्राही बनाए गए। शहरी क्षेत्र स्थित प्राथमिक शाला सिंघौरी के वैक्सीनेशन साइट में सुबह मॉकड्रील का जायजा लेने कलेक्टर शिव अनंत तायल, पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल, एएसपी विमल बैस व अपर कलेक्टर संजय कुमार दीवान पहुंचे।

कलेक्टर शिव अनंत तायल ने सीएमएचओ डॉ. एस.के शर्मा व जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. शरद कोहाड़े और डयूटी पर तैनात स्वास्थ्य विभाग के वैक्सीनेटर ऑफिसरों से टीकाकरण की प्रक्रिया को लेकर चरणबद्ध जानकारी ली तथा ड्राई रन में शामिल डॉक्टर आरएमए तृप्ती दुबे, स्वास्थ्य कर्मियों इंदू यादव व सुनीता आनंद से चर्चा कर प्रक्रिया की सतत निगरानी करने को कहा। कोरोना के टीकाकरण में कुल 5 चरण है जिसमें प्रथम चरण में प्रवेश द्वार पर ही टोकन, मास्क, सेनेटाइजर व साबुन से हाथ होने के लिए हैंड वाश की सुविधाएं रखी गई है।

महिला व पुरुष सुरक्षा कर्मियों के द्वारा हितग्राही के पहचान पत्र की जांच व पंजीकृत सूची से मिलान करने के बाद वेटिंग हॉल में बैठने की व्यवस्था की जाती है। दूसरे चरण में हितग्राही के शरीर का तापमान चेक करना, तीसरे चरण में टोकन के साथ ही हितग्राही के मोबाइल में प्राप्त हुए वन टाइम पासवर्ड तथा परिचय पत्र के माध्यम से पुनः पहचान कर रजिस्ट्रेशन का वेरीफेशन किया गया। उसके बाद वैक्सीनेशन बूथ पर वैक्सीनेशन ऑफिसर प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मी द्वारा हितग्राही को वैक्सीन लगाया गया। कोरोना टीकाकरण के लिए कोविन (कोविड वैक्सीन इंटेलीजेंस नेटवर्क) एप बनाया है। कोविन एप शुरू से लेकर आखिरी तक टीकाकरण की पूरी प्रक्रिया पर निगरानी रखेगा। एप के जरिए हितग्राही को एक यूनिक हेल्थ आइडेंटिटी दिया गया है जो टीके के प्रतिकूल प्रभावों पर भी पूरी निगरानी रखी जाएगी, ताकि तत्काल हरसंभव चिकित्सीय मदद मुहैया कराई जाए।

वैक्सीन लगाने के बाद ऑर्ब्जवेशन कक्ष में चिकित्सक की निगरानी में वैक्सीन के प्रतिकूल प्रभाव को जानने के लिए 30 मिनट तक ऑब्जर्वेशन में रखने के बाद घर जाने दिया गया। वैक्सीनेटर ऑफिसर द्वारा हितग्राही को एक पर्चा दिया गया जिसमें टीकाकरण के बाद घर पर किसी तरह की यदि कोई दिक्कत आती है तो उसके लिए छठे चरण के अंतर्गत मोबाइल नंबर से संपर्क करने के अलावा नजदीक के अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती हो सकते हैं। वैक्सिनेशन के लिए निर्धारित साइट पर वैक्सिनेशन अधिकारी नियुक्त किए गए थे जो पूरी व्यवस्था पर नजर बनाए रखें थे।

जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ शरद कोहाड़े ने बताया, “कोरोना वायरस को मात देने के लिए प्रथम चरण में 5,126 सरकारी व प्राइवेट हेल्थ वर्करों को वैक्सीन दी जाएगी। जिले में टीकाकरण के लिए 26 वैक्सीन कोल्ड चैन पाइंट बनाए गए हैं। वैक्सीन लगाने के लिए जिला प्रशासन ने 20 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 4 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, एक जिला व सिविल अस्पताल सहित कुल 26 वैक्सीनेशन साइट बनाए हैं जहां से कोल्ड चैन पाइंट नजदीक है। हर दिन वैक्सीनेशन के लिए आए 100 हितग्राहियों के लिए एक वैक्शीनेशन साइट पर 5 सदस्यों की टीम रहेगी। वहीं वैक्सीनेशन के बाद अगर कोई बुरा प्रभाव दिखेगा तो इसके लिए Anaphylaxis kits का भी इंतजाम किया गया है। वैक्सीनेशन केंद्र में मोबाइल एंबुलेंस भी रहेगी, ताकि किसी को जरूरत पड़ने पर तुरंत अस्पताल भी शिफ्ट किया जा सके।

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