नई दिल्ली | ब्रिटेन वाले नए वायरस के दहशत के बीच देश कोरोना वैक्सीन की टीकाकरण प्रक्रिया को लेकर अब पूरी तरह तैयार है। देश में सबसे पहले 30 करोड़ लोगों को टीका दिया जाएगा, जिनमें फ्रंट लाइन वर्कर्स मसलन स्वास्थ्य कर्मचारियों से लेकर सुरक्षा जवान, 50 वर्ष या उससे अधिक आयु के लोग और पहले से बीमार इत्यादि शामिल हैं। सरकार ने टीकाकरण को लेकर पूरा खाका तैयार कर लिया है और जैसे ही वैक्सीन की खरीद की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी, टीकाकरण अभियान भी शुरू हो जाएगा। केंद्र सरकार के अधिकारियों की मानें तो अगले सप्ताह से देश में दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की शुरुआत हो जाएगी।
स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने टीकाकरण प्रक्रिया की पूरी जानकारी देते हुए कहा कि पहले चरण में वैक्सीन मैन्युफैक्चरर्स (निर्माता) केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा चलाए जा रहे प्राइमरी वैक्सीन स्टोरों में टीकों को हवाई मार्ग से पहुंचाएंगे, जिन्हें सरकारी मेडिकल डिपो भी (जीएमएसडी) कहा जाता है।। वर्तमान में देश में इस तरह के चार डिपो हैं- करनाल, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में एक-एक। इन डिपो से फिर विभिन्न राज्यों में फैले 37 स्टेट वैक्सीन स्टोरों में रेफ्रिजरेटेड वैन के जरिए टीकों की डिलीवरी की जाएगी। वहां से यह राज्य सरकारों या केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वे अपनी आवश्यकता के अनुसार वैक्सीन के स्टॉक को तैनात करें। इसके बाद राज्य के स्टोरों से जिला वैक्सीन स्टोरों को वैक्सीन भेजी जाएगी। इस पूरी प्रक्रिया की डिजिटल तरीके से निगरानी होगी।
उन्होंने अभियान के दूसरे हिस्से के बारे में बताया कि ड्राइव का दूसरा हिस्सा वैक्सीन उम्मीदवारों की पहचान और पंजीकरण के साथ-साथ खुराक देने का होगा। उन्होंने कहा कि हेल्थ केयर और फ्रंट लाइन वर्कर्स रजिस्ट्रेशन यानी अपनी जानकारी दर्ज कराने की आवश्यकता नहीं होगी, क्योंकि उनकी जानकारी पहले से ही उनके विभागों के जरिए सरकार के पास मौजूद है और कोविन ऐप में भी दर्ज कर लिए गए हैं। 50 साल से अधिक उम्र के लोगों और बीमारी वाले लोगों को रजिस्ट्रेशन की जरूरत होगी।
एक ओर जहां सरकार 300 मिलियन यानी 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन देने के लिए टीका बनाने वाली कंपनियों से खरीद की प्रक्रिया में है, वहीं दूसरी ओर सरकार लोकल स्तर तक टीकाकरण अभियान को गति देने के लिए डिलीवरी मैनेजमेंट से लेकर वैक्सीन को मुहैया कराने के तरीकों पर काम कर रही है। तो चलिए जानते हैं भारत सरकार ने किस तरह की तैयारी की है और सबसे पहले 30 करोड़ लोगों को कैसे वैक्सीन लगेगी। यहां ध्यान देने वाली बात है कि पहले 30 करोड़ लोगों को टीका देने का अभियान तीन चरणों से होकर गुजरेगा, जिसका विवरण नीचे दिया गया है।
पहला चरण: ट्रांसपोर्ट ऑफ वैक्सीन
1. कोरोना वैक्सीन के टीके को कंपनी के उत्पादन केंद्र से एयर ट्रांसपोर्ट के जरिए प्राइमरी वैक्सीन स्टोर में ले जाया जाएगा।
2. प्राइमरी वैक्सीन स्टोर से फिर रेफ्रीजेरेटर वाले वाहनों से वैक्सीन को स्टेट वैक्सीन सेंटर पर पहुंचाया जाएगा।
3. स्टेट वैक्सीन सेंटर से फिर रेफ्रीजेरेटर वाले वाहनों के जरिए डिस्ट्रिक्ट वैक्सीन स्टोर पहुंचाया जाएगा।
4. डिस्ट्रिक्ट वैक्सीन स्टोर से फिर टीकों की डिलीवरी प्राइमरी हेल्थ सेंटर पर होगी। क्योंकि वैक्सीन को एक उचित तापमान की जरूरत है, इसलिए पूरी डिलीवरी प्रक्रिया में रिफ्रीजेरेटर वाले वाहनों का ही प्रयोग होगा।
दूसरा चरण: पहचान करना और खुराक देना
1. प्राइमरी हेल्थ सेंटर पर रखे टीकों को स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा सब सेंटर या जहां टीकाकरण होना है, पहुंचाया जाएगा।
2. टीकाकरण के लिए पहले लाभार्थियों का रजिस्ट्रेशन कराना होगा। (हेल्थ कर्मी और जवानों को छोड़कर)
3. उसके बाद टीकाकरण के लिए समय दिया जाएगा।
4. तब जाकर लाभार्थी को वैक्सीन लगेगी।
तीसरा चरण: टीका लगने के बाद फॉलो-अप
1. टीका लगने के बाद लाभार्थी को संदेश प्राप्त होगा
2. यूनिक हेल्थ आईडी मिलेगी
3. क्यूआर कोड बेस्ड सर्टीफिकेट भी मिलेगा
4. टीका लगने के बाद किसी तरह के साइड इफेक्ट को लेकर लाभार्ती से सरकार के आदमी सूचना लेते रहेंगे।