Home छत्तीसगढ़ एफसीआई के स्टॉक का उठान नहीं करने से धान खरीद हुआ प्रभावित

एफसीआई के स्टॉक का उठान नहीं करने से धान खरीद हुआ प्रभावित

by admin

छत्तीसगढ़: रायपुर केंद्रीय पूल के लिए भारतीय खाद्य निगम (FCI) द्वारा छत्तीसगढ़ से चावल उठाने में कथित देरी के कारण इस कांग्रेस-शासित प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर धान की खरीद प्रभावित हो रही है. राज्य के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी. बीते गुरुवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात कर यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया था कि केंद्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग तुरंत एक अंतिम आदेश जारी कर एफसीआई को राज्य से चावल उठाने की अनुमति दे. अधिकारी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने उन्हें जल्द से जल्द उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है.
इससे पहले केंद्र सरकार ने चालू खरीफ विपणन सत्र में धान की कस्टम मिलिंग के बाद केंद्रीय पूल में 60 लाख टन चावल जमा करने के लिए राज्य को ‘सैद्धांतिक मंजूरी’ दी थी. अधिकारी के अनुसार, चालू खरीफ विपणन सत्र (केएमएस) में एक जनवरी, 2021 तक 13.47 लाख किसानों से 52.64 लाख टन धान खरीदा गया है. एक दिसंबर, 2020 से खरीद अभियान शुरू हुआ था. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने यहां कहा कि हालांकि खरीद अभियान चल रहा है, लेकिन दुर्ग और राजनांदगांव सहित कुछ जिलों के कुछ खरीद केंद्रों पर जूट के बैग की कमी की वजह से समस्याएं सामने आई हैं और केंद्रीय पूल के लिए राज्य से कस्टम मिलिंग के बाद चावल का उठान नहीं हुआ.

जूट बैग की कमी का असर इस खरीद प्रक्रिया पर पड़ रहा है
अधिकारी के अनुसार, केंद्रीय पूल के लिए एफसीआई द्वारा चावल उठाने में देरी के कारण कुछ केंद्रों पर खरीद का काम बाधित हुआ है. अधिकारी ने कहा, ‘‘चावल मिलें, धान के प्रसंस्करण के लिए खरीद केंद्रों से धान नहीं उठा रही हैं क्योंकि केंद्र ने अभी तक कस्टम मिल्ड चावल की डिलिवरी के लिए एफसीआई को आदेश जारी नहीं किया है. खरीद केंद्रों में धान का भारी स्टॉक जमा हो गया है. भंडारण की जगह की कमी और जूट बैग की कमी का असर इस खरीद प्रक्रिया पर पड़ रहा है.

केंद्र द्वारा निर्धारित एमएसपी से बहुत अधिक था
राज्य सरकार ने 3.50 लाख बोरों या बैग की आपूर्ति के लिए जूट आयुक्त को भी लिखा था, लेकिन केवल 1.45 लाख बोरों का आवंटन किया गया है. उन्होंने कहा कि अब तक केवल 1.05 लाख टाट के बोरे प्राप्त हुए हैं. इस बीच, प्रधानमंत्री के साथ बातचीत के बाद, मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को केंद्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल से फोन पर बात की. शनिवार को पत्रकारों से बात करते हुए बघेल ने कहा कि गोयल ने आशंका व्यक्त की थी कि राज्य सरकार राजीव गांधी किसान न्याय योजना (आरजीकेएनवाई) के माध्यम से किसानों को धान खरीद पर प्रोत्साहन सहायता दे रही है.

आरजीकेएनवाई योजना शुरू की
बघेल ने कहा, ‘‘मैंने उन्हें स्पष्ट किया है कि हम केंद्र द्वारा तय एमएसपी पर धान खरीद रहे हैं और आरजीकेएनवाई योजना एक अलग नकदी लाभ योजना है, जैसे केंद्र की पीएम किसान सम्मान निधि योजना है.’’ उन्होंने कहा कि अगर केंद्रीय मंत्री अनुमति देते हैं, तो छत्तीसगढ़ के अधिकारी दिल्ली जाएंगे ‘ताकि आरजीकेएनवाई से जुड़े तथ्यों को उनके सामने रखा जा सके.’’ खरीफ विपणन सत्र 2018-19 में राज्य सरकार ने किसानों से 2,500 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से धान की खरीद की थी जो केंद्र द्वारा निर्धारित एमएसपी से बहुत अधिक था. केंद्र ने तब केंद्रीय पूल के लिए राज्य के चावल का कोटा बढ़ाने से इनकार कर दिया था. खरीफ विपणन सत्र 2019-20 में राज्य सरकार ने केंद्र द्वारा निर्धारित एमएसपी पर धान की खरीद की और किसानों को एक लागत सहायता के रूप में 10,000 रुपये प्रति एकड़ देने के लिए आरजीकेएनवाई योजना शुरू की.

Share with your Friends

Related Posts

Leave a Comment