Home देश-दुनिया गृह मंत्रालय का बयान: परिसीमन में दक्षिणी राज्यों की चिंताओं का रखा जाएगा ध्यान, संबंधित पक्षों से होगी चर्चा

गृह मंत्रालय का बयान: परिसीमन में दक्षिणी राज्यों की चिंताओं का रखा जाएगा ध्यान, संबंधित पक्षों से होगी चर्चा

by admin

नईदिल्ली(ए)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कई बार स्पष्ट कर चुके हैं कि जनगणना आधारित परिसीमन प्रक्रिया में दक्षिणी राज्यों की चिंताओं को पूरी गंभीरता से लिया जाएगा और उचित समय पर सभी संबंधित पक्षों से चर्चा की जाएगी। गृह मंत्रालय (एमएचए) के प्रवक्ता ने यह बयान तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन की ओर से उठाई गई उस चिंता के एक दिन बाद दिया, जिसमें उन्होंने 2026 के बाद होने वाले परिसीमन से दक्षिण भारत की संसदीय सीटों में संभावित कटौती का सवाल उठाया था। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, गृह मंत्री ने कई बार स्पष्ट किया है कि परिसीमन प्रक्रिया के दौरान दक्षिणी राज्यों की चिंताओं का पूरा ध्यान रखा जाएगा और इस मुद्दे पर उचित समय पर सभी संबंधित पक्षों से चर्चा की जाएगी। जनगणना 2021 में कराई जानी थी और इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई थीं, लेकिन कोरोना महामारी फैलने के कारण इसे टालना पड़ा। प्रवक्ता ने कहा कि महामारी के प्रभाव काफी समय तक बने रहे और इसने शिक्षा सहित सभी क्षेत्रों में बाधा पैदा की। उन्होंने कहा, जनगणना कराने के लिए करीब 30 लाख गणनाकर्ताओं की जरूरत होती है। ये गणनाकर्ता मुख्य रूप से प्राथमिक स्कूलों के शिक्षक होते हैं और इस प्रक्रिया में उनकी भूमिका सबसे अहम होती है। कोरोना महामारी के बाद अगर जनगणना कराई जाती, तो इससे प्राथमिक शिक्षा पर बहुत बुरा असर पड़ सकता था।

प्रवक्ता ने कहा, जिन देशों ने कोरोना के तुरंत बाद जनगणना कराई, उन्हें जनगणना के आंकड़ों की गुणवत्ता और कवरेज में समस्याओं का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा, सरकार ने अब जनगणना की प्रक्रिया तुरंत शुरू करने का फैसला किया है और इसे 1 मार्च, 2027 तक इसे पूरा किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि जनगणना कराने के लिए बजट कभी भी बाधा नहीं रहा, क्योंकि सरकार हमेशा धन आवंटन सुनिश्चित करती है। भारत की 16वीं जाति जनगणना 2027 में की जाएगी, जिसकी आधार तिथि लद्दाख जैसे बर्फ से ढके क्षेत्रों के लिए 1 अक्टूबर 2026 होगी और देश के बाकी हिस्सों के लिए 1 मार्च 2027 होगी।

गृह मंत्रालय ने बुधवार को घोषणा की थी कि जनगणना-2027 दो चरणों में कराई जाएगी और इसके साथ ही जातियों की गिनती भी की जाएगी। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन ने एक्स पर लिखा कि भारतीय संविधान के अनुसार, 2026 के बाद होने वाली पहली जनगणना के आधार पर ही परिसीमन किया जाना चाहिए। लेकिन अब भाजपा ने जनगणना को 2027 तक ‘टाल’ दिया है, जिससे यह साफ हो गया है कि उनका इरादा तमिलनाडु की संसदीय सीटों को ‘कम’ करना है।

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