नईदिल्ली(ए)। नीति आयोग ने सोमवार को मझोले उद्योगों को भविष्य के वृद्धि इंजन में बदलने के लिए वित्तीय माध्यमों, प्रौद्योगिकी एकीकरण और एक केंद्रीकृत डिजिटल पोर्टल की वकालत की। आयोग ने ‘मझोले उद्योगों के लिए नीति तैयार करना’ शीर्षक वाली एक रिपोर्ट में इन उद्योगों की महत्वपूर्ण भूमिका का जिक्र किया और उनकी पूरी क्षमता को उगाजर करने के लिए लक्षित हस्तक्षेप पर जोर दिया।
मझोले उद्योगों के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने के लिए रिपोर्ट में उद्यम कारोबार से जुड़ी एक कार्यशील पूंजी वित्तपोषण योजना, बाजार दर पर पांच करोड़ रुपये के क्रेडिट कार्ड की सुविधा और एमएसएमई मंत्रालय की देखरेख में बैंकों के माध्यम से तेजी से धन वितरण तंत्र बनाने की सिफारिश की गई। आयोग ने एमएसएमई मंत्रालय के भीतर एक समर्पित शोध एवं विकास प्रकोष्ठ की स्थापना की भी सिफारिश की है। यह प्रकोष्ठ राष्ट्रीय महत्व की क्लस्टर आधारित परियोजनाओं के लिए आत्मनिर्भर भारत कोष का लाभ उठाएगा। इसके अलावा अनुपालन को सुगम बनाने और उत्पाद की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए परीक्षण और प्रमाणन सुविधाओं के विकास का भी आह्वान किया गया।
