नईदिल्ली(ए)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को ‘इंडिया एट 2047’ शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए भारत-पाकिस्तान के बीच सिंधु जल संधि के निलंबन का परोक्ष रूप से उल्लेख किया और स्पष्ट किया कि अब भारत के हिस्से का पानी देश के लिए ही बहेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा:

“पहले भारत के हक का पानी भी देश से बाहर चला जाता था। अब भारत का पानी, देश के हित में बहेगा और देश के काम आएगा।”
उनका यह बयान 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले, जिसमें 26 निर्दोष नागरिक मारे गए थे, के बाद आया है। इस हमले के लिए पाकिस्तान समर्थित आतंकियों को जिम्मेदार ठहराया गया था, और इसके बाद भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि को अस्थायी रूप से निलंबित करने की घोषणा की थी — यह संधि दशकों से भारत-पाक संबंधों का अहम हिस्सा रही है।
राष्ट्र प्रथम’ की नीति पर जोर
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अब भारत GDP (सकल घरेलू उत्पाद) आधारित सोच से आगे बढ़कर GEP (Gross Empowerment of People – सकल जन सशक्तिकरण) पर केंद्रित विकास मॉडल की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा:
“देश तब आगे बढ़ता है जब निर्णय ‘राष्ट्र प्रथम’ की सोच से लिए जाते हैं, न कि इस डर से कि ‘दुनिया क्या सोचेगी या वोट मिलेगा या नहीं’।”
उन्होंने यह भी कहा कि पिछली सरकारों में राजनीतिक लाभ के लिए बड़े और जरूरी फैसले टाले जाते रहे, जिससे देश की क्षमता का पूरा उपयोग नहीं हो सका।
नदी जोड़ो परियोजनाओं और पानी पर चर्चा
मोदी ने हाल के दिनों में मीडिया में पानी और जल संसाधनों पर बढ़ी चर्चा का ज़िक्र करते हुए बताया कि भारत में नदियों को जोड़ने की दिशा में काम हो रहा है, ताकि जल संकट वाले क्षेत्रों को राहत मिल सके। उन्होंने कहा कि अब भारत जल प्रबंधन के प्रति नई दृष्टि के साथ आगे बढ़ रहा है।
वक्फ कानून में बदलाव – ‘गरीब मुसलमानों के लिए राहत’
प्रधानमंत्री ने नए वक्फ कानून में किए गए संशोधनों का भी ज़िक्र किया। उन्होंने कहा कि यह कानून वर्षों से वोट बैंक की राजनीति के कारण टाल दिया गया, लेकिन अब इसके जरिए गरीब मुस्लिम, पसमांदा वर्ग की महिलाओं और माताओं को वास्तविक लाभ मिलेगा।
भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौता (FTA) – नया युग शुरू
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने यह भी घोषणा की कि भारत और ब्रिटेन के बीच ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौता (FTA) को अंतिम रूप दे दिया गया है। उन्होंने कहा:
“यह समझौता दो बड़ी खुली अर्थव्यवस्थाओं के बीच विकास का नया अध्याय खोलेगा। इससे MSMEs को नए अवसर और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।”
10 करोड़ फर्जी लाभार्थी हटाए, ₹3.5 लाख करोड़ की बचत
प्रधानमंत्री ने बताया कि प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) योजना के माध्यम से सरकार ने 10 करोड़ फर्जी लाभार्थियों को सिस्टम से बाहर किया, जिससे 3.5 लाख करोड़ रुपये की सरकारी बचत हुई है।
विकसित भारत 2047 – लक्ष्य और आत्मविश्वास
मोदी ने अपने भाषण में भारत के भविष्य की रूपरेखा स्पष्ट करते हुए कहा:
“भारत का सबसे बड़ा सपना है कि 2047 तक यह एक ‘विकसित राष्ट्र’ बन जाए। हमारे पास संसाधन भी हैं, सामर्थ्य भी और इच्छाशक्ति भी।”
उन्होंने यह भी कहा कि भारत न केवल सुधार कर रहा है, बल्कि वैश्विक स्तर पर एक सक्रिय आर्थिक और रणनीतिक शक्ति के रूप में भी उभर रहा है।
यह भाषण एक ओर भारत के आत्मनिर्भरता, सुरक्षा और आर्थिक विस्तार के एजेंडे को रेखांकित करता है, वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान को सख्त कूटनीतिक और जल-संसाधन आधारित संदेश भी देता है।