Home देश-दुनिया ‘मेडिकल इंट‌र्न्स की आत्महत्या का डाटा नहीं रखती सरकार’, संसद में केंद्रीय मंत्री ने दी जानकारी

‘मेडिकल इंट‌र्न्स की आत्महत्या का डाटा नहीं रखती सरकार’, संसद में केंद्रीय मंत्री ने दी जानकारी

by admin
नई दिल्ली(ए)। स्वास्थ्य राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने मंगलवार को राज्यसभा में एक लिखित जवाब में कहा कि देश के सरकारी अस्पतालों में आत्महत्या करने वाले मेडिकल इंट‌र्न्स का डाटा केंद्र सरकार द्वारा नहीं रखा जाता है।उन्होंने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने और छात्रों की सकुशलता को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग द्वारा कई पहलों को लागू किया गया है।

उन्होंने यह भी बताया कि आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत 21 मार्च तक मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित पैकेज के मद्देनजर 77,634 लोगों को अस्पताल में भर्ती होने की अनुमति दी गई। इस पर लगभग 87 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

छात्रों के लिए योग मॉड्यूल अनिवार्य

  • स्वास्थ्य राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने कहा कि सभी छात्रों के लिए 10 दिनों का योग माड्यूल अनिवार्य कर दिया गया है और शिक्षकों से भी इसमें शामिल होने का अनुरोध किया गया है। यह 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस से पहले होगा।
  • मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान द्वारा तैयार किए गए मॉड्यूल के अनुसार छात्र प्रतिदिन एक घंटे योग करेंगे। उन्होंने बताया कि एमबीबीएस फाउंडेशन कोर्स में भी योग को शामिल किया गया है। साथ ही, ‘गांव में पहुंच’ के माध्यम से परिवारों से मिलने का कार्यक्रम छात्रों को अधिक परिपक्व और ग्रामीण आबादी के प्रति सहानुभूतिपूर्ण बनाएगा।
  • इससे उनका अवसाद कम होगा और रैगिंग को रोका जा सकेगा। इसके अलावा, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग का एक एंटी-रैगिंग सेल है जो सभी मेडिकल छात्रों की समस्याओं और शिकायतों का समाधान करता है। सरकार ने नवंबर, 2022 में राष्ट्रीय आत्महत्या रोकथाम रणनीति भी जारी की है। स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि उत्तर प्रदेश में वर्ष 2024 में मेडिकल कालेजों में रै¨गग से संबंधित सबसे अधिक 33 शिकायतें दर्ज की गईं। इसके बाद बिहार में 17, राजस्थान में 15 और मध्य प्रदेश में 12 शिकायतें दर्ज की गईं। पटेल ने एक लिखित उत्तर में कहा कि राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने ऐसी घटनाओं के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं। इसमें नियमित निगरानी और चिकित्सा संस्थानों के डीन और प्रिंसिपलों के साथ वीडियो कन्फ्रेंस के जरिए फॉलो-अप शामिल है। 

    साथ ही आयोग ने इन संस्थानों द्वारा वार्षिक एंटी-रैगिंग रिपोर्ट प्रस्तुत करने को अनिवार्य किया है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2024 में हेपेटाइटिस पर विश्व स्वास्थ्य संगठन की ग्लोबल हेल्थ रिपोर्ट डाटा मॉडलिंग पर आधारित है, वास्तविक निगरानी पर नहीं। अनुप्रिया इस सवाल का जवाब दे रही थीं कि क्या विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार, हेपेटाइटिस बी और सी के मामलों में 3.5 करोड़ संक्रमणों के साथ भारत विश्व में दूसरे स्थान पर है।

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