Home देश-दुनिया मां तो मां होती है! जिस बेटे ने की जान से मारने की कोशिश, उसे ही जेल जाने से बचाया

मां तो मां होती है! जिस बेटे ने की जान से मारने की कोशिश, उसे ही जेल जाने से बचाया

by admin

नईदिल्ली(ए)। केरल हाइकोर्ट ने अपनी मां को चाकू मारने वाले 25 साल के लड़के को जमानत दे दी है। कोर्ट ने कहा कि मां ने अदालत में बयान दिया है कि वह  अपने बेटे को जेल में नहीं देख सकती। इस मामले में अदालत ने मां के बयान को ज़रुरी मानते हुए आरोपी को जमानत दी है। इस मामले में न्यायमूर्ति पी.वी. कुन्हीकृष्णन ने फैसला सुनाय़ा है। जस्टिस ने कहा कि यह एक दुखी मां के आंसुओं से भरे शब्द थे। उनका कहना है कि मां ने शायद अपने जख्मों को भूलकर बेटे को माफ कर दिया है। इसी के साथ उन्होंने मां के प्यार की तुलना एक गुलाब के साथ की है, जो हमेशा खिला रहता है, हालात चाहे कैसे भी हों।

बता दें कि यह घटना नए साल के जश्न के दौरान हुई थी। जश्न के लिए सिमेल ने अपनी मां से पैसे की डिमांड की थी, लेकिन मां ने मना कर दिया था। गुस्से में आकर बेटे ने मां पर चाकू से हमला कर दिया। मां के सिर, चेहरे और हाथ पर 12 गहरे घाव आए। पुलिस ने इस मामले में बेटे के खिलाफ हत्या के प्रयास समेत कई गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया था।
सिमेल ने अपनी गिरफ्तारी के बाद अदालत में जमानत की अर्जी दी थी। कोर्ट ने कहा था कि इस अर्जी को खारिज किया जा सकता है अगर आरोपी की मां ये कहे कि उसे उससे कोई भी शिकायत नहीं है। केस दर्ज होने के कुछ समय के बाद कोर्ट में मां ने हलफनामा दर्ज करवाया था कि वो अपने बेटे को जेल में  नहीं देख सकती।

अदालत ने यह स्पष्ट किया कि अगर भविष्य में मां अपने बेटे के खिलाफ कोई शिकायत करती है या कोई कानूनी कार्रवाई करती है, तो सिमेल की जमानत रद्द कर दी जाएगी। इसका मतलब है कि अगर आरोपी भविष्य में कोई गलती करता है या मां के खिलाफ फिर से हिंसा करता है, तो उसे फिर से जेल भेज दिया जाएगा।

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