
रायपुर। जशपुर के आगडीह हवाई अड्डे में वर्तमान में एयर एनसीसी का फ्लाइंग ट्रेनिंग चल रही है। एनसीसी कैडेट को छोटे हवाई जहाज से उड़ान भरने और रनवे पर लैंड करने से लेकर, विमान के कॉकपिट से लेकर हर हिस्से और विमान के नियंत्रण को लेकर सभी बेसिक जानकारी दी जा रही है।
विंग कमांडर वी के साहू के अनुसार इस महीने के 7 तारीख से संचालित की जा रही इस प्रशिक्षण में फिलहाल 35 प्रशिक्षु कैडेट्स हिस्सा ले रहे हैं और इस माह के अंत तक 3 सीजी एयर स्क्वाड्रन रायपुर के बैनर के तले प्रदेश के युवा जशपुर के खुले आसमान में हवा में उड़ान सीख रहे हैं। एयर एनसीसी के द्वारा 2 सीटर माइको लाइट एयरक्राफ्ट के जरिए जशपुर के आगडीह हवाई पट्टी पर एनसीसी सीनियर डिवीजन के कैडेट्स जिनमें लड़के और लड़कियां दोनों शामिल हैं।

*मील का पत्थर साबित होगा यह प्रशिक्षण*
विंग कमांडर वीके साहू ने बताया की एयर फोर्स और एविएशन के क्षेत्र में करियर के रूप में इसे चुनने वाले युवाओं के लिए यह प्रशिक्षण बेहद कारगर है। उन्होंने बताया की वो खुद बसना क्षेत्र के लाखौली के निवासी है और सबसे पहले उन्होंने भी एनसीसी कैडेट्स के रूप में उड़ान भरी थी जो आगे चलकर उनके करियर के लिए मील के लिए एयरफोर्स या एविएशन क्षेत्र में जाने वाले युवा के लिए यह प्रशिक्षण फ्लाइंग स्कूल में प्रवेश के लिए सहायक सिद्ध होता है। उन्होंने
बताया कि रायपुर के माना एयरपोर्ट पर उड़ान के सीमित अवसर के कारण इस ट्रेनिंग को जशपुर शिफ्ट किया गया है। उन्होंने इस पूरे प्रशिक्षण अभियान के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, वित्त मंत्री ओपी चौधरी, प्रदेश के शिक्षा सचिव और कलेक्टर जशपुर रोहित व्यास का आभार प्रकट किया, जिनके प्रयासों से जशपुर हवाई पट्टी पर चिकित्सा स्टाफ के साथ एम्बुलेंस और फायर फाईटिंग दस्ते के साथ तमाम तरह गई है, जिससे पूरी टीम और कैडेट्स के रुकने रहने, खाने और प्रशिक्षण का सारा काम सुचारू रूप से चल रहा है।
विंग कमांडर वीके साहू ने बताया की रायपुर के माना स्थित स्वामी विवेकानंद हवाई अड्डे पर इस प्रशिक्षण का संचालन किया जा रहा था लेकिन माना एयरपोर्ट में एयर ट्रैफिक के दबाव और उसके बीच 100 कैडेट्स को एयरक्राफ्ट उड़ान का प्रशिक्षण देने में कई प्रकार की दिक्कतें आ रही थी। इसके बाद इस प्रशिक्षण को प्रदेश के किसी और छोटे हवाई अड्डे या रनवे पर शिफ्ट करने का निर्णय लिया गया। इसके बाद जशपुर के आगडीह हवाई अड्डे का चयन किया गया, यहां का शांत वातावरण और रनवे इस प्रशिक्षण के लिए बहुत अच्छा साबित हुआ है, यह पूरा प्रशिक्षण और एयर एनसीसी के कैडेट्स के साथ जशपुर के लिए भी मील का पत्थर साबित होगा। जशपुर के उपर उड़ने का अनुभव अनूठा माइक्रो लाइट एयरक्राफ्ट के उड़ान के प्रशिक्षण में शामिल एयर कुछ ऐसा है ट्रेनी एयरक्राफ्ट है जिसमें 2 सीटर माइक्रो लाइट एयरक्राफ्ट से एयर एनसीसी के कैडेट्स को उड़ान का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह एक घंटे की उड़ान में 13 लीटर ईंधन खर्च करता है और इसमें 50 लीटर एवियशन फ्यूल भरने की क्षमता है। इसे 20000 फुट की ऊंचाई पर उड़ाया जा सकता है, लेकिन फिलहाल लगभग 1000 फुट की ऊंचाई पर प्रशिक्षु कैडेट्स को इसे उड़ाना सिखाया जा रहा है। जानकारी के अनुसार रायपुर से जशपुर तक उड़कर आने में इस विमान को 2 घंटे 5 मिनट का समय लगा।
एनसीसी कैडेट्स वंश कुमार, एसआर साहू, अंजू सिन्हा, बिपाशा परिहार और सिमरन साहू ने बताया की उन्होंने रायपुर के माना एयरपोर्ट पर भी इससे पहले एयर एनसीसी का प्रशिक्षण लिया है, लेकिन जशपुर की शांत फिजा यहां का एयरनॉट, एनवायरनमेंट में पायलट के बगल में को पायलट के रूप में प्रशिक्षण प्राप्त करना एक अनूठा अनुभव है।