
नईदिल्ली(ए)। नेतृत्व संकट से जूझ रही लिबरल पार्टी ने मार्क कार्नी को कनाडा का अगला नेता और प्रधानमंत्री घोषित किया है। पार्टी ने सोमवार को अपने एलान में कहा कि कार्नी पूर्व पीएम जस्टिन ट्रूडो की जगह लेंगे। लिबरल पार्टी के अध्यक्ष सचित मेहरा ने लिबरल नेतृत्व की दौड़ में ब्रिटेन और कनाडा के पूर्व केंद्रीय बैंक प्रमुख मार्क कार्नी की जीत की घोषणा की। बता दें कि मार्क कार्नी तब देश की कमान संभालेंगे जब कि कनाडा कई मोर्चों पर संकटों का सामना कर रहा है। सबसे बड़ा संकट उसे अमेरिका की तरफ से झेलना पड़ रहा है, जहां के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस वक्त कनाडा को आड़े हाथों लिए हुए हैं। ट्रंप जहां कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बनाना चाहते हैं, वहीं दूसरी ओर नशीले पदार्थों और अवैध आव्रजन की शिकायत करते हुए कनाडा पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने से जुड़े एलान तक किए हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, कार्नी को कुल 131,674 वोट मिले जोकि कुल मतों का लगभग 85.9% है। उन्होंने पूर्व वित्त मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड और पूर्व सरकारी सदन नेता करीना गोल्ड और पूर्व संसद सदस्य फ्रैंक बेलिस को मात दी। क्रिस्टिया फ्रीलैंड को 11,134 वोट मिले, करीना गोल्ड को 4,785 वोट मिले और फ्रैंक बेलिस को 4,038 वोट मिले।

बता दें कि कार्नी कनाडा के इतिहास में हाउस ऑफ़ कॉमन्स में सीट के बिना दुसरे प्रधानमंत्री होंगे। हालाँकि कोई नियम इस पर रोक नहीं लगाता है, लेकिन परंपरा से पता चलता है कि कार्नी को संघीय सीट के लिए चुनावी योजना की जल्दी घोषणा करनी होगी। 59 वर्षीय कार्नी प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की जगह लेंगे। ट्रूडो ने जनवरी में अपने इस्तीफे की घोषणा की थी। हालांकि आने वाले दिनों में उनके उत्तराधिकारी के शपथ लेने तक वे प्रधानमंत्री बने रहेंगे।
ट्रूडो ने छोड़ा पार्टी नेता का पद
वहीं, जस्टिन ट्रूडो ने लिबरल पार्टी के नेता का पद त्याग दिया। उन्होंने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट से एक पोस्ट कर इसकी जानकारी दी। ट्रूडो ने कहा कि मैं लिबरल पार्टी के नेता के रूप में उसी आशा और कड़ी मेहनत के साथ विदा ले रहा हूं, जैसा कि मैंने शुरू में किया था। इस पार्टी और इस देश के लिए आशा, उन लाखों कनाडाई लोगों की वजह से जो हर दिन साबित करते हैं कि बेहतर हमेशा संभव है।
कौन हैं मार्क कार्नी?
मार्क कार्नी का जन्म 16 मार्च 1965 को कनाडा के उत्तर-पश्चिम में स्थित फोर्ट स्मिथ में हुआ। हालांकि, उनका शुरुआती जीवन अल्बर्टा राज्य के एडमंटन में बीता। मार्क के माता-पिता दोनों स्कूल में शिक्षक रहे। ऐसे में वे शुरुआत से ही पढ़ाई-लिखाई में काफी अच्छे रहे। बकौल कार्नी उनके माता-पिता ने उनमें जनसेवा के लिए प्रतिबद्धता कूट-कूटकर भरी। मार्क कार्नी ने 2004 में कनाडा के वित्त विभाग में भी काम किया। अर्थशास्त्र के क्षेत्र में प्रतिभा दिखाने के बाद उन्हें 2007 में बैंक ऑफ कनाडा का गवर्नर बनाया गया।
मार्क कार्नी ने अर्थशास्त्र के क्षेत्र में जबरदस्त उपलब्धियां हासिल कीं। हालांकि, वे राजनीति के क्षेत्र से अंजान नहीं हैं। खुद कार्नी के मुताबिक, 2012 में कनाडा के प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर ने उन्हें वित्त मंत्री बनाने का प्रस्ताव दिया था। हालांकि, कार्नी ने इसे नकार दिया था। कहा जाता है कि 2013 में जब लिबरल पार्टी के नेतृत्व के लिए चुनाव हो रहे थे, तब भी कार्नी का नाम उछला था। हालांकि, उन्होंने इससे भी इनकार किया।बीते साल सितंबर में जब कनाडा की ट्रूडो सरकार अपनी आर्थिक नीतियों को लेकर घिरी, तब पीएम ने कार्नी को लिबरल पार्टी के आर्थिक विकास की टास्क फोर्स का प्रमुख बनाया। इसके बाद जब कनाडा की वित्त मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने ट्रूडो कैबिनेट से इस्तीफा दिया, तब भी कार्नी के यह पद लेने की अटकलें लगी थीं।