Home देश-दुनिया सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल आरपी कलिता को ‘असम वैभव’ पुरस्कार से सम्मानित करेगी सरकार, CM ने की घोषणा

सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल आरपी कलिता को ‘असम वैभव’ पुरस्कार से सम्मानित करेगी सरकार, CM ने की घोषणा

by admin

गुवाहाटी(ए)। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने रविवार को घोषणा की कि उनकी सरकार ने लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) राणा प्रताप कलिता को राज्य का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘असम वैभव’ देने का फैसला किया है।  लेफ्टिनेंट कलिता परम विशिष्ट सेवा मेडल (पीवीएसएम), उत्तम युद्ध सेवा मेडल (यूवीएसएम), अति विशिष्ट सेवा मेडल (एवीएसएम), सेवा मेडल (एसएम) और विशिष्ट सेवा (मेडल) से सम्मानित किया जा चुका है। वह भारतीय सेना की पूर्वी कमान के जनरल कमांडिंग-इन-चीफ के रूप में जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। इससे पहले उन्होंने दीमापुर में आईआईआई कोर की कमान संभाली थी।

लेफ्टिनेंट जनरल कलिता का जन्म असम के रिंगा में जोगेंद्र कलिता और रेनु कलिता के परिवार में हुआ था। वह गोलपारा में सैनिक स्कूल के छात्र रहे। इसके बाद उन्होंने खडकवासला में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी और भारतीय सैन्य अकादमी से शिक्षा हासिल की। उनको 9 जून 1984 को देहरादून में भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) से 9वीं कुमाऊं रेजिमेंट में कमीशन प्राप्त हुआ था।

उन्होंने जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रीय राइफल बटालियन और शांतिकाल में माउंटेन ब्रिगेट की कमान संभाली। इसके अलावा उन्होंने ऑपरेशन पवन (श्रीलंका), ऑपरेशन पराक्रम, ऑपरेशन रक्षक (जम्मू-कश्मीर), ऑपरेशन बजरंग, ऑपरेशन राइनो (असम), ऑपरेशन ऑर्चिड (नगालैंड) और ऑपरेशन हिफाजत (मणिपुर) जैसे कई महत्वपूर्ण सैन्य अभियानों में भाग लिया। जनरल कलिता ने संयुक्त राष्ट्र में भी दो बार सेवा दी। इसमें एक बार मिलिट्री ऑब्जर्वर के रूप में सिएरा लियोन और दूसरी बार अभियान के प्रमुख के रूप में सूडान में सेवा दी। उन्होंने आईआईआई कोर की कमान भी संभाली और पूर्वी कमान के चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में सेवा दी।

वह असम के पहले व्यक्ति हैं, जिन्होंने पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ पद की जिम्मेदारी संभाली। जनरल कलिता के परिवार में पत्नी निशा कलिता और दो बच्चे हैं। उनके बेटे को भारतीय सेना में कमीशन मिला है और वह 9 कुमाऊं रेजिमेंट में सेवा दे रहे हैं, जबकि उनकी बेटी दिल्ली विश्वविद्यालय में लेक्चरर हैं।

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